बीकानेर में ED की रेड से बड़ा खुलासा: करोड़ों का लेनदेन, आतंकी कनेक्शन की आशंका



बीकानेर, 20 सितंबर। बीकानेर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच में पता चला है कि अमीर मो. सादिक के 20 से अधिक बैंक खातों में करोड़ों का लेनदेन हुआ है। सादिक पर हवाला कारोबार, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी फंडिंग के आरोप हैं। इसके साथ ही, ईडी को सादिक के आतंकी कनेक्शन का भी शक है।
क्या मिला ED की जांच में?
17 सितंबर को हुई इस छापेमारी में ईडी की टीम ने सादिक सहित कुल 6 ठिकानों पर तलाशी ली। सादिक जमीयत अहले हदीस (JAH) नामक एक एनजीओ चलाता है और वह अलफुरकान एजुकेशनल ट्रस्ट का अध्यक्ष भी रह चुका है। ईडी को तलाशी में निम्न सबूत मिले हैं:




करोड़ों का लेनदेन: सादिक और उसके ट्रस्टों के 20 बैंक खातों में करोड़ों रुपए मिले हैं, जिनका स्रोत संदिग्ध है। उसकी कोई वैध आय नहीं है, फिर भी उसने कई विदेश यात्राएं की हैं, खासकर बांग्लादेश, ईरान, और कतर।


गैरकानूनी गतिविधियाँ: छापेमारी में हथियार तस्करी, भड़काऊ प्रचार सामग्री, जबरन धर्म परिवर्तन और धार्मिक संस्थाओं का दुरुपयोग जैसे सबूत मिले हैं।
आतंकी कनेक्शन: ईडी को सादिक के खिलाफ गैरकानूनी धर्मांतरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल होने का इनपुट मिला था। जांच में बांग्लादेश के एक एनजीओ को वित्तीय सहायता देने के साक्ष्य भी मिले हैं।
डिजिटल सबूत: सादिक के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कट्टरपंथी और भड़काऊ सामग्री, जिसमें इजरायली झंडे जलाने के वीडियो भी शामिल हैं, प्रसारित करने के सबूत मिले हैं। ईडी के अनुसार, इसका उद्देश्य अवैध गतिविधियों के लिए धन जुटाना था।
मोहम्मद सादिक के असगर अली, जावेद और साबिर, सादिक के करीबी माने जाते हैं। मोहम्मद सादिक बीकानेर में जमीयत अहले हदीस (JAH) नाम का NGO चलाता है। सादिक अलफुरकान एजुकेशनल ट्रस्ट का अध्यक्ष भी था। सादिक मस्जिद-ए-आयशा ट्रस्ट की भी देखरेख करता था। सादिक के इन ट्रस्टों सहित करीब 20 बैंक खातों में करोड़ों रुपए मिलने और लेनदेन का इनपुट मिला है। ईडी ने बताया कि कोटगेट थाने में 3 जनवरी 2022 को इस संबंध में एक मुकदमा भी दर्ज किया गया था। जांच अभी जारी है।