प्रतापगढ़ के सोबनिया गांव में कृषक-वैज्ञानिक संवाद और पशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन



प्रतापगढ़, 4 अगस्त। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र (ICAR-NRCC), बीकानेर द्वारा जनजातीय उप योजना (TSP) के तहत प्रतापगढ़ जिले के तहसील पीपलखूंट स्थित गांव सोबनिया में आज, 4 अगस्त 2025 को एक कृषक-वैज्ञानिक संवाद और पशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इंडियन फार्म फॉरेस्ट्री डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव लिमिटेड (IFDC), प्रतापगढ़ के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में लगभग 105 पशुपालक परिवारों ने भाग लिया।
पशुओं के स्वास्थ्य और प्रबंधन पर विशेष ध्यान
इस शिविर के दौरान कुल 705 पशुओं (गाय 219, भैंस 151, ऊँट 03, बकरी 275, मुर्गी 57) में रोगों के बचाव हेतु दवाइयां और किट वितरित किए गए। संवाद सत्र में पशुपालकों ने पशु स्वास्थ्य संबंधी अपनी समस्याओं को वैज्ञानिकों के समक्ष रखा, जिसके लिए उन्हें उचित समाधान और निराकरण संबंधी विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।




आजीविका सशक्तिकरण पर जोर
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और एनआरसीसी के निदेशक डॉ. अनिल कुमार पूनिया ने अपने संबोधन में कहा कि एनआरसीसी केंद्र सरकार की पशुपालक हितैषी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुँचाने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि केंद्र जनजातीय क्षेत्रों सहित सभी पशुपालकों को पशु स्वास्थ्य सेवाएं और वैज्ञानिक जानकारी तत्परता से प्रदान करता रहा है। डॉ. पूनिया ने पशुपालकों से ऊँट पालन सहित अन्य पशुपालन गतिविधियों को अपनाकर अपनी आजीविका को सशक्त बनाने का आह्वान किया और भरोसा दिलाया कि केंद्र उनके सामाजिक-आर्थिक विकास में सदैव सहयोगी बना रहेगा।


वैज्ञानिक जानकारी और आवश्यक सामग्री का वितरण
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रतन चौधरी ने पशुओं, विशेष रूप से ऊँट पालन की वैज्ञानिक विधियों की विस्तृत जानकारी साझा की और पशुपालकों को स्वच्छ दूध उत्पादन के विषय में विशेष जागरूकता बरतने की सलाह दी। केंद्र के टीएसपी योजना के नोडल अधिकारी डॉ. श्याम सुन्दर चौधरी ने पशुओं में रोगों के बचाव और उनके प्रबंधन के बारे में उपयोगी जानकारी प्रदान की। साथ ही, सहभागी पशुपालकों के समाजार्थिक विकास हेतु उन्हें कृषि संबंधी विविध उपयोग के लिए तिरपाल, कीटनाशक छिड़काव हेतु बैटरी चालित स्प्रे मशीन, दूध टंकी, टब, चारा और पशु दवाएं/किट जैसी सुविधाएं भी प्रदान की गईं।
सोबनिया गांव की महिला सरपंच श्रीमती दलु ने इस आयोजन को सार्थक बताते हुए एनआरसीसी के प्रति आभार व्यक्त किया। आई.एफ.डी.सी. के परियोजना प्रबंधक देवन्द्र कुमार कर्दम ने अपनी संस्था की कार्यप्रणाली, प्रतापगढ़ क्षेत्र में संचालित परियोजनाओं और रबी, खरीफ बीज व सब्जी के उपयोग पर चर्चा की। श्रीमती संतोष चौधरी, वरिष्ठ अधिकारी (परियोजना) ने उपस्थित जनजातीय परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने हेतु विशेष रूप से प्रोत्साहित किया और कार्यक्रम का संचालन भी किया। इस संस्था के नीलेश ने मिट्टी की जाँच और नैनो उर्वरकों के उपयोग आदि पर चर्चा की।
एनआरसीसी द्वारा जनजातीय उपयोजना के तहत समन्वयात्मक रूप से आयोजित इस कार्यक्रम के सफल निष्पादन में केंद्र के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री अखिल ठुकराल, सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी मनजीत सिंह, तकनीकी अधिकारी जितेन्द्र कुमार, सहायक प्रशासनिक अधिकारी राजेश चौधरी, हरजिंदर एवं नरेन्द्र आदि का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ।