पूर्व विद्यार्थियों ने मनाई ‘हरित दीपावली’, विद्यालय को भेंट की 10 कुर्सियाँ, किया पौधारोपण

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quicjZaps 15 sept 2025

बीकानेर, 15 अक्टूबर। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय शिवबाड़ी के पूर्व विद्यार्थियों ने दीपावली के पर्व को पर्यावरण अनुकूल और सामाजिक रूप से प्रेरणादायक बनाने की अनूठी मिसाल पेश की है। युथ एवं इको क्लब प्रभारी अमरदीप गोदारा की प्रेरणा से सत्र 2024-25 के कक्षा 12 के पूर्व विद्यार्थियों ने पटाखों पर खर्च होने वाली राशि को एकत्र कर ₹10,000 की लागत से 10 प्लास्टिक कुर्सियाँ विद्यालय को भेंट कीं। साथ ही, विद्यालय परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता का संदेश दिया।
समारोह में कुर्सियों का दान
विद्यालय परिसर में आयोजित एक सादे समारोह में इन कुर्सियों को विद्यालय प्रशासन को सौंपा गया। इस अवसर पर युथ एवं इको क्लब प्रभारी अमरदीप गोदारा, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी अनिल सुथार, सहायक प्रशासनिक अधिकारी मनीष श्रीवास्तव, और कनिष्ठ सहायक राजेन्द्र सिंह उपस्थित रहे। पूर्व विद्यार्थियों दीपक, आकाश, सोनू, सुनील रेगर, ललिता धौलपुरिया, और भावना प्रजापत ने इस पहल में सक्रिय भागीदारी निभाई।

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पौधारोपण के साथ पर्यावरण जागरूकता

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कार्यक्रम के दौरान अमरदीप गोदारा के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने विद्यालय परिसर में बेलपत्र का पौधा लगाया। इस पौधारोपण ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह कदम न केवल विद्यालय के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए प्रेरणादायक रहा।

“दीपावली का अर्थ है उजाला फैलाना”

गोदारा ने विद्यार्थियों की इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “दीपावली का वास्तविक अर्थ प्रकाश फैलाना है। इन विद्यार्थियों ने अपनी सोच और कार्यों से पर्यावरण जागरूकता का उजाला फैलाया है। यह एक प्रेरणादायक कदम है जो समाज को प्रदूषण मुक्त और हरित उत्सव मनाने की दिशा में प्रेरित करता है।”

विद्यालय परिवार ने की सराहना

विद्यालय प्रशासन और शिक्षकों ने इस ‘हरित दीपावली’ पहल को अनुकरणीय बताया और पूर्व विद्यार्थियों के इस योगदान की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देती है, बल्कि युवाओं में सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को भी दर्शाती है।

समाज के लिए प्रेरणा

इस पहल ने यह साबित किया है कि छोटे-छोटे प्रयास भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। विद्यार्थियों का यह कदम अन्य स्कूलों और समुदायों के लिए एक प्रेरणा बन सकता है, जो दीपावली जैसे पर्व को पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ मनाने की दिशा में प्रोत्साहित करेगा।

mmtc 2 oct 2025

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