रिश्वतखोरी में पकड़ा गया GM करोड़पति निकला, ₹1.60 करोड़ की संपत्ति उजागर; 10 दिसंबर तक JC भेजा


कोटा, 27 नवंबर । रिश्वत लेते हुए बारां एसीबी के हत्थे चढ़ा तिलम संघ कोटा का महाप्रबंधक (जीएम) रमेशचंद बैरागी करोड़पति निकला। एसीबी द्वारा की गई हाउस सर्च (तलाशी) में आरोपी के पास से जमीन, सोना, एफडी और प्लॉट सहित ₹1 करोड़ 60 लाख रुपए की अवैध संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं।
अकूत संपत्ति का खुलासा
एडिशनल एसपी कोटा एसीबी विजय स्वर्णकार ने बताया कि आरोपी के घर की तलाशी में मिली संपत्ति का विवरण इस प्रकार है:अचल संपत्ति: 4 दुकानें, 1 मकान, 1 फ्लैट, 3 प्लॉट, और तीन अलग-अलग जगहों पर 28 बीघा जमीन के दस्तावेज। नकद एवं जमा: बैंकों की अलग-अलग ब्रांचों में ₹40 लाख 32 हजार 500 रुपए की 11 एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट), 19 बचत बैंक अकाउंट में ₹3 लाख 33 हजार रुपए, तीन जीवन बीमा पॉलिसी और ₹4 लाख 6 हजार रुपए नकद।
कीमती धातु: 250.41 ग्राम सोना और 1760 ग्राम चांदी। वाहन: ₹13 लाख कीमत की दो कार, एक बाइक और एक एक्टिवा।




₹30,000 की रिश्वत लेते हुए हुआ था ट्रैप
रमेशचंद बैरागी, जो इसी साल मार्च में रिटायर होने के बाद भी टेम्परेरी बेस पर तिलम संघ में लगा हुआ था, उसे बारां एसीबी की टीम ने बुधवार को ₹30 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था।



रिश्वत की मांग: आरोपी ने परिवादी से MSP (समर्थन मूल्य) सेंटर के रिन्युअल और पिछले सीजन के अनाज बैग के भुगतान को क्लियर करने की एवज में कुल ₹1 लाख 45 हजार की रिश्वत की मांग की थी।
ट्रैप कार्रवाई: परिवादी की शिकायत पर एसीबी ने ट्रैप बुना। महाप्रबंधक रमेश चंद्र बैरागी ने ऑफिस के चेंबर में बैठकर पहली किश्त के रूप में ₹30 हजार रिश्वत ली और रकम अपनी जैकेट में रख ली, जिसके बाद एसीबी टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ा।
न्यायिक हिरासत में भेजा गया
बारां एसीबी की टीम ने गुरुवार को आरोपी को कोटा एसीबी कोर्ट में पेश किया। एडिशनल एसपी बारां एसीबी कालूराम वर्मा ने बताया कि कोर्ट ने रमेशचंद बैरागी को 10 दिसंबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी (JC) में जेल भेजने के आदेश दिए हैं।








