भ्रष्टाचार पर सरकार का कड़ा रुख: 9 पुलिस निरीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति, 37 मामलों पर हुआ निर्णय



जयपुर, 6 अगस्त। राजस्थान की भजनलाल सरकार ने भ्रष्टाचार और अन्य मामलों में कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को विभिन्न विभागों से आए 37 लंबित प्रकरणों का निस्तारण करते हुए कुल 55 अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्णय लिए हैं। इनमें से 9 पुलिस निरीक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का महत्वपूर्ण फैसला भी शामिल है। हालांकि, कानूनी पेचीदगियों के चलते सरकार ने अभी तक किसी भी अधिकारी का नाम सार्वजनिक नहीं किया है।
अक्षमता और असंतोषजनक कार्य पर सख्ती
मुख्यमंत्री ने अक्षमता, अकर्मण्यता और असंतोषजनक कार्य निष्पादन के प्रति अपनी सख्त नीति को दोहराया है। 9 पुलिस निरीक्षकों को उनकी कार्य-शैली, कार्य-दक्षता, सत्यनिष्ठा, विभागीय जांच कार्यवाही और कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन की विभिन्न स्तरों पर स्क्रीनिंग के बाद, उच्च स्तरीय समिति के परीक्षण के आधार पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर राज्य सेवा से बाहर किया गया है।




भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर बड़े निर्णय
मुख्यमंत्री ने कई अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर भी निर्णय लिए हैं:


- अभियोजन की मंजूरी: 6 अधिकारियों के विरुद्ध अभियोजन चलाने की मंजूरी प्रदान की गई है।
- IAS अधिकारी पर कार्रवाई: नियम विरुद्ध भू-आवंटन के एक गंभीर प्रकरण में एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी के विरुद्ध अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) नियम 1969, के नियम 8 के तहत कार्यवाही प्रारम्भ किए जाने का अनुमोदन किया गया है।
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जांच: राजस्थान प्रशासनिक एवं लेखा सेवा के 2 अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 17-ए में विस्तृत जांच एवं अनुसंधान करने की अनुमति दी गई है।
- विभागीय जांच और वेतन वृद्धि पर रोक: सेवारत 13 अधिकारियों के विरुद्ध सीसीए नियम-16 के तहत विभागीय जांच कार्यवाही में वार्षिक वेतन वृद्धियां संचयी/असंचयी प्रभाव से रोकने का निर्णय लिया गया है।
- सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन पर रोक: सेवानिवृत्त अधिकारियों के पुराने प्रकरणों का निस्तारण करते हुए पेंशन नियमों के तहत 5 अधिकारियों की पेंशन रोके जाने का निर्णय किया गया है। इनमें से एक अधिकारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार प्रकरण में दोष सिद्धि होने के कारण शत प्रतिशत पेंशन रोकने का निर्णय हुआ है।
- जांच निष्कर्षों का अनुमोदन: सेवानिवृत्त अधिकारियों के विरुद्ध संचालित 9 प्रकरणों में 14 अधिकारियों पर प्रमाणित आरोपों के जांच निष्कर्षों का अनुमोदन भी किया गया है।
पुनर्विलोकन याचिकाएं निरस्त/स्वीकृत: एक अधिकारी की ओर से प्रस्तुत पुनर्विलोकन याचिका को निरस्त करते हुए दण्ड को यथावत रखा गया, जबकि सेवारत अधिकारियों के 3 प्रकरणों में अपील स्वीकार की गई और 2 अधिकारियों के विरुद्ध अपील आंशिक रूप से स्वीकार करने का निर्णय लिया गया। भजनलाल सरकार की यह कार्रवाई प्रशासन में जवाबदेही और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।