देवकुंड सागर में श्रावण मास के पार्थिव शिवलिंग विसर्जन अनुष्ठान का भव्य समापन



बीकानेर, 9 अगस्त। भारतीय संस्कृति और सनातन जागृति महाअभियान के अंतर्गत, भारतीय संस्कृति एवं सनातन सार्वभौम महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री विप्र महासभा के राष्ट्रीय संयोजक पंडित योगेंद्र कुमार दाधीच “संतश्री” के 43वें पूजन अनुष्ठान का समापन श्रावण मास में देवकुंड सागर के पावन तीर्थ स्थल पर पार्थिव शिवलिंग विसर्जन के साथ हुआ। यह दिव्य और विशेष अनुष्ठान, जिसमें श्रावण मास के दौरान एक साथ 151 मंदिरों में पार्थिव शिवलिंग का पूजन किया गया, देश और दुनिया का एक अनूठा आयोजन रहा।
विसर्जन अनुष्ठान का विधि-विधान से आयोजन
श्रावण की पूर्णिमा को बीकानेर के पावन तीर्थ स्थल देवकुंड सागर सरोवर घाट पर पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन अनुष्ठान विधि-विधान से संपन्न हुआ। यह अनुष्ठान पंडित श्री रामेश्वरानंद जी महाराज “दाताश्री” (अधिष्ठाता ब्रह्म गायत्री शक्तिपीठ संस्था “सागर”) के सान्निध्य में और पूजन अनुष्ठान के साधक पंडित योगेंद्र कुमार दाधीच की मंगल उपस्थिति में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया।
सर्वप्रथम, घाट पर सभी शिवलिंगों को विराजित कर देव आह्वान के साथ पंच द्रव्यों से अभिषेक पूजन किया गया और फिर आरती की गई। विसर्जन अनुष्ठान में पंडित योगेंद्र कुमार दाधीच सपत्नीक (संपत दाधीच), आशीष पुरोहित, अमित मोदी, प्रवीण दाधीच, मुकेश मोदी, माया मोदी, इंजी. विजय अरोड़ा, रजत दाधीच, ममता शर्मा, शंकर लाल जोशी आदि ने पूजन में भाग लिया।




पार्थिव शिवलिंगों का प्रस्थान पूजन
विसर्जन अनुष्ठान से पूर्व, पार्थिव शिवलिंगों का प्रस्थान पूजन शिवमठ शिवबाड़ी और धनीनाथ गिरि मठ पंच मंदिर में हुआ। शिवबाड़ी में यह पूजन अनुष्ठान स्वामी श्री विमर्शानंद गिरि जी महाराज के सान्निध्य में संपन्न हुआ, जबकि धनीनाथ गिरि मठ पंच मंदिर में हरिद्वार के स्वामी श्री प्रयागराज रामायणी महाराज के सान्निध्य में पूजन किया गया। भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हुए, श्रावण मास के इस दिव्य व विशेष अनुष्ठान में निर्मित और पूजित पार्थिव शिवलिंगों को देवकुंड सागर के लिए प्रस्थान कराया गया। यह आयोजन भारतीय सनातन परंपरा और धार्मिक आस्था का एक भव्य प्रदर्शन रहा, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने सहभागिता की।

