बीकानेर में राष्ट्रकवि दिनकर पर ‘हथाई’ संगोष्ठी का आयोजन



बीकानेर, 24 अगस्त। अजित फाउण्डेशन द्वारा मासिक संगोष्ठी ‘हथाई’ के तहत आज राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ पर एक चर्चा का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में युवा साहित्यकारों ने दिनकर के काव्य और उनके सामाजिक योगदान पर अपने विचार रखे।
दिनकर के काव्य और लेखन पर चर्चा
युवा साहित्यकार इमरोज नदीम ने दिनकर की प्रसिद्ध कृति ‘रश्मि रथी’ को उनकी श्रेष्ठ लंबी कविताओं में से एक बताया। अरमान नदीम ने कहा कि दिनकर ने अपने लेखन में आलोचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया,लेकिन उनकी आलोचना हमेशा निष्पक्ष और देशहित में होती थी। उन्होंने आजादी से पहले ब्रिटिश नीतियों और आजादी के बाद भी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।




सुरेश पुरोहित ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिनकर को ‘राष्ट्रकवि’ की उपाधि दी थी। पुरोहित ने भारत-चीन युद्ध के दौरान लिखी गई उनकी ऐतिहासिक कविताओं का भी जिक्र किया। रवि पुरोहित ने कहा कि दिनकर ने वीर रस की उत्कृष्ट रचनाएँ लिखने के साथ-साथ महिलाओं की वेदनाओं को भी अपनी कविताओं में बखूबी उकेरा।आनंद छंगाणी ने दिनकर के काव्य संसार को श्रेष्ठ बताया, लेकिन उनकी भाषा को जटिल कहा।


युवाओं को मंच देने का उद्देश्य
संगोष्ठी का संचालन करते हुए संस्था समन्वयक संजय श्रीमाली ने कहा कि ‘हथाई’ जैसे कार्यक्रम युवा साहित्यकारों को एक मंच देने और उन्हें सामाजिक सरोकारों से जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित किए जाते हैं।