मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र-राजस्थानी को दूसरी राजभाषा बनाने की मांग


बीकानेर, 15 दिसंबर। राजस्थान सरकार के दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बीकानेर आगमन के अवसर पर, एक बीकानेरी नागरिक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राजस्थानी भाषा और साहित्य के विकास से जुड़ी महत्वपूर्ण माँगें रखी हैं। साहित्यकारों ने सरकार के जश्न के इस मौके पर राजस्थानवासियों को भाषा को उसका संवैधानिक अधिकार प्रदान करने की सौगात देने का आग्रह किया है।


राजस्थानी भाषा की प्रमुख माँगे
पत्र में राज्य सरकार से राजस्थानी भाषा को उसका उचित स्थान दिलाने और साहित्य को सशक्त बनाने के लिए निम्नलिखित माँगें रखी गई हैं.
राजभाषा का दर्जा: राजस्थानी भाषा को प्रदेश की दूसरी राजभाषा घोषित किया जाए।
शिक्षा में स्थान: प्राथमिक स्तर की शिक्षा मातृभाषा राजस्थानी में दी जाए और सभी विद्यालयों में राजस्थानी भाषा को शुरू किया जाए।
पाठ्यक्रम में समावेश: राजस्थान के साहित्यकारों की रचनाओं को प्राथमिकता के साथ राज्य के शैक्षिक पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाए।


एकेडमी का सशक्तिकरण:
राजस्थान की सभी एकेडमी का बजट बढ़ाया जाए। सभी एकेडमी के अध्यक्षों की नियुक्ति तुरंत प्रभाव से सरकार द्वारा मनोनीत की जाए। राजस्थानी भाषा साहित्य एकेडमी में लम्बित साहित्यकारों के पेंडिंग मामलों का तुरंत निपटारा किया जाए तथा पत्रिका ‘जागती जोत’ का नियमित प्रकाशन सुनिश्चित कराया जाए। साहित्यकारों के लिए कॉलोनियाँ: राजस्थान के साहित्यकारों के लिए हर संभाग में कॉलोनी की भी घोषणा की जाए।
पत्र में स्पष्ट किया गया है कि राजस्थानवासी प्रदेश में राजस्थानी भाषा की उपेक्षा सहन नहीं करेंगे। सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर, मांग पत्र की अक्षरशः घोषणा कर सभी साहित्यिक संगठनों, साहित्यकारों और राजस्थानवासियों को सौगात देने की अपील की गई है।
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