महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में वीर दुर्गादास राठौड़ जयंती पर संगोष्ठी आयोजित



बीकानेर, 13 अगस्त। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में आज वीर दुर्गादास राठौड़ की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मेघना शर्मा ने की।
प्रतिरोध के इतिहास का महत्व
कार्यक्रम की शुरुआत दुर्गादास राठौड़ की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। डॉ. मेघना शर्मा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा उन्नयन और स्थानीय शासकों द्वारा बाहरी शक्तियों के प्रति प्रतिरोध का इतिहास पढ़ना-पढ़ााना आज के समय की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय ज्ञान परंपरा के स्रोत हमारे वीर शासकों की जीवनियों को प्रमुखता से प्रस्तुत करते हैं।
दुर्गादास राठौड़ के व्यक्तित्व पर प्रकाश
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रभुदान चारण ने वीर दुर्गादास के व्यक्तित्व को महान गुणों से परिपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि उनकी वीरता की कहानियाँ पढ़कर अनायास ही देशप्रेम का भाव मन में जागृत होता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए अतिथि शिक्षक डॉ. मुकेश हर्ष ने विषय प्रवर्तन किया। अतिथि शिक्षक खुशाल पुरोहित ने बताया कि मध्यकालीन इतिहास लेखन के विभिन्न पहलुओं पर भिन्न-भिन्न लेखकों के विचार विद्यार्थियों को वीर पुरुषों पर केंद्रित इतिहास को और स्पष्टता से समझने में मदद कर सकते हैं।




छात्रों और शिक्षकों की सहभागिता
इस संगोष्ठी के सफल आयोजन में छात्र विक्रम सिंह, योगेन्द्र सिंह, बेरीसाल सिंह सहित अन्य विद्यार्थियों का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर डॉ. रितेश व्यास, डॉ. गोपाल कृष्ण व्यास, जसप्रीत सिंह, रिंकू जोशी, किरण, तुलछाराम, तेजपाल भारती, बजरंग कलवानी के साथ भारी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे, जिससे कार्यक्रम सफल रहा।

