बैंकिंग सेक्टर में बड़ा भूचाल-IOB, BoI समेत 4 सरकारी बैंक होंगे खत्म ! मर्जर के बाद बचेंगे सिर्फ 4 बड़े बैंक


नई दिल्ली, 1 नवंबर 2025। भारत के बैंकिंग परिदृश्य में एक और मेगा बदलाव आने वाला है, जिसके तहत सरकार छोटे सरकारी बैंकों का बड़े बैंकों में विलय करने की तैयारी कर रही है। नीति आयोग की सिफारिश के बाद उठाया जा रहा यह कदम, बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस प्रस्तावित विलय के कारण इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI), बैंक ऑफ इंडिया (BOI) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।




मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विलय का ड्राफ्ट ‘रिकॉर्ड ऑफ डिस्कशन’ तैयार हो चुका है और इसे कैबिनेट तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत होता है, तो मेगा मर्जर को वित्त वर्ष 2026-27 में पूरा किया जा सकता है। विलय का मुख्य कारण छोटे बैंकों की बढ़ती लागत और लगातार बढ़ता एनपीए (NPA) है, जो बैंकिंग प्रणाली पर दबाव डालता है। इस विलय से बैंकिंग नेटवर्क मजबूत होगा, कर्ज बांटने की क्षमता बढ़ेगी और बैंकों की बैलेंस शीट सुदृढ़ होगी, जिससे ग्राहकों को बेहतर सेवा मिलेगी।



इस मेगा मर्जर के बाद, देश में केवल चार बड़े सरकारी बैंक—स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) और कैनरा बैंक—ही बचे रहेंगे। इससे पहले 2017 से 2020 के बीच भी 10 सरकारी बैंकों का विलय करके उनकी संख्या 27 से घटाकर 12 कर दी गई थी। विलय का असर खाताधारकों पर भी पड़ेगा, जिन्हें नए बैंक के तहत चेकबुक, पासबुक और अन्य कागजी कार्यवाही बदलनी होगी। वहीं, कर्मचारियों के लिए नौकरियों को लेकर चिंताएं हो सकती हैं, हालांकि सरकार ने आश्वासन दिया है कि मर्जर से नौकरियों पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
विलय के बाद देश में मुख्य रूप से चार बड़े सरकारी बैंक बच सकते हैं — स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) और कैनरा बैंक। नीति आयोग का लक्ष्य है कि 2047 तक कम से कम दो भारतीय PSU बैंक विश्व के टॉप-20 बैंकों में शामिल हों।
अभी किसी भी बैंक के ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है। सभी खाते, जमा और लोन पूरी तरह सुरक्षित हैं। DICGC के तहत 5 लाख रुपये तक की जमा राशि का बीमा है। कोई भी बदलाव होने पर बैंक पहले से सूचित करेंगे। यह खबर अभी प्रस्तावित है, कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ। आधिकारिक घोषणा का इंतजार करें। अपने बैंक की वेबसाइट, RBI या वित्त मंत्रालय के अपडेट पर नजर रखें।








