आयुष्मान भारत योजना में घूसखोरी का बड़ा पर्दाफाश- निजी डॉक्टर ₹11 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार


भीलवाड़ा, 16 दिसंबर। केंद्र सरकार की गरीबों के मुफ्त इलाज की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना में भ्रष्टाचार का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने भीलवाड़ा में सिद्धि विनायक हॉस्पिटल के डॉक्टर पंकज छीपा को ₹11 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई योजना में चल रहे घूसखोरी के गहरे नेटवर्क को उजागर करती है।


जयपुर के इन्वेस्टिगेटर संग मिलकर मांगी थी ₹14 लाख की रिश्वत
एसीबी डीएसपी नरपत सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले में आयुष्मान भारत इन्वेस्टिगेटर डॉ. कुलदीप (जयपुर में तैनात) भी शामिल था। दोनों ने मिलकर सिद्धि विनायक हॉस्पिटल को बिल पास कराने और अस्पताल को डी-पैनल (योजना से बाहर) करने की धमकी दी थी।


मूल रूप से ₹14 लाख की रिश्वत मांगी गई थी। लेकिन, सौदा ₹11 लाख में तय हुआ।इसमें से ₹9.5 लाख डॉ. कुलदीप के लिए और ₹1.5 लाख डॉ. पंकज छीपा के लिए निर्धारित किए गए थे। लगातार दबाव से तंग आकर अस्पताल मैनेजर ने अजमेर एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी।
ट्रैप में फंसा डॉक्टर, ₹11 लाख बरामद
शिकायत का सत्यापन करने के बाद एसीबी ने तत्काल एक जाल बिछाया। अस्पताल मैनेजर को डमी और असली नोटों के साथ डॉक्टर छीपा के पास भेजा गया। जैसे ही डॉक्टर पंकज छीपा ने रिश्वत की राशि ली, एसीबी टीम ने उसे मौके पर धर दबोचा। हाथ धुलाने पर केमिकल भी पॉजिटिव मिला और ₹11 लाख की रिश्वत राशि बरामद कर ली गई।
नेटवर्क की गहन जाँच, कुलदीप सहित अन्य पर शिकंजा
एसीबी अब इस पूरे भ्रष्टाचार नेटवर्क की गहन जांच में जुट गई है। गिरफ्तार डॉक्टर पंकज छीपा के साथ-साथ जयपुर में तैनात डॉक्टर कुलदीप और इस घोटाले में संलिप्त अन्य लोगों की भूमिका खंगाली जा रही है। एसीबी का कहना है कि यह खुलासा आयुष्मान योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार की गहराई को दिखाता है, जहां अफसर और डॉक्टर मिलकर गरीबों का हक मारकर घूसखोरी कर रहे थे। एसीबी ने सख्ती जारी रखने का आश्वासन दिया है ताकि गरीबों का हक सुरक्षित रहे।
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