दादा गुरुदेव के ‘इकतीसा’ का सामूहिक पाठ 19 सितंबर को



बीकानेर, 17 सितंबर। बीकानेर में गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर सहित पांच महाव्रत धारी साधु-साध्वी के सान्निध्य में एक धार्मिक आयोजन होने जा रहा है। 19 सितंबर, शुक्रवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में सुबह 6:30 बजे से 8:30 बजे तक दादा गुरुदेव के ‘इकतीसा’ का सामूहिक पाठ किया जाएगा। इसके अलावा, डागा, सेठिया और पारख मोहल्ले के महावीर भवन में भी रविवार को इसका सामूहिक पाठ होगा।
‘दीपक एकासना’ का आयोजन 21 को
खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई के अध्यक्ष अनिल सुराणा ने बताया कि दादा गुरुदेव के इकतीसा की रचना गुरु भक्त गोपालजी ने अश्विन कृष्ण तेरस को की थी। इस पाठ में कहा गया है कि सद्गुरु का स्मरण करने से जीवन में कल्याण होता है। उन्होंने यह भी बताया कि 21 सितंबर को ‘दीपक एकासना’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्रावक-श्राविकाएं दीपक के प्रज्वलित रहने तक दिन में एक समय भोजन ग्रहण कर सकेंगे।




साधु-साध्वी से प्रेरणा लें: गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर
अपने चातुर्मासिक प्रवचन में गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर ने कहा कि लोगों को सत्य, अहिंसा, अचौर्य, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य जैसे पांच महाव्रत धारण करने वाले साधु-साध्वियों से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल कपड़े पहनने से कोई साधु नहीं बन जाता। एक सच्चे साधु का सम्मान उसके चरित्र, साधना और देव, गुरु, धर्म के प्रति उसकी निष्ठा को देखकर करना चाहिए। उन्होंने लोगों को बहुरूपिए और ठगों से सावधान रहने की सलाह दी, जो धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने मिले हुए मानव जीवन और धर्म का सदुपयोग कर अपनी आत्मा को मोक्ष की ओर ले जाना चाहिए।

