मूंगफली खरीद में भ्रष्टाचार पर बिफरे विधायक जेठानन्द व्यास: CEO को फटकार


फर्म के खिलाफ कार्रवाई न होने पर धरने की दी चेतावनी


बीकानेर ,25 दिसम्बर। बीकानेर में समर्थन मूल्य (MSP) पर हो रही मूंगफली खरीद प्रक्रिया विवादों के घेरे में आ गई है। गुरुवार को बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानन्द व्यास ने ऊन मंडी स्थित खरीद केंद्र पर औचक निरीक्षण किया, जहाँ भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं को देखकर उनका पारा चढ़ गया। विधायक ने मौके पर उपस्थित जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) उमाकांत व्यास को जमकर फटकार लगाई और आरोप लगाया कि ठेका फर्म द्वारा खुलेआम किसानों से अवैध वसूली की जा रही है।


“रुपए देने वालों की हो रही तुलाई, बाकी किसान परेशान” निरीक्षण के दौरान विधायक व्यास ने तीखे लहजे में कहा कि खरीद प्रक्रिया पूरी तरह पक्षपातपूर्ण हो चुकी है। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों से कहा, “आप सभी मिले हुए हैं। जो किसान पैसे दे रहे हैं, उनकी मूंगफली तुरंत तुली जा रही है, जबकि ईमानदार किसानों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है।” विधायक ने एक किसान का उदाहरण देते हुए बताया कि उसने साढ़े आठ हजार रुपए दिए हैं, फिर भी काम नहीं हुआ। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोषी ठेकेदार फर्म के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे वहीं धरने पर बैठ जाएंगे।
ठेका फर्म पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप बीकानेर और कोलायत क्षेत्र में मूंगफली खरीद, तुलाई और वेयरहाउस तक परिवहन की जिम्मेदारी एक ही प्राइवेट फर्म के पास है। किसानों ने आरोप लगाया कि राजू नामक व्यक्ति ने तुलाई के बदले साढ़े आठ हजार रुपए लिए और एक अन्य किसान से 21 हजार रुपए की मांग की गई। विधायक ने इन किसानों के वीडियो बयान भी रिकॉर्ड करवाए। उल्लेखनीय है कि इस फर्म को ठेका देने पर पहले भी विवाद हुआ था और ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को काम देने के आरोप लगे थे। श्रीडूंगरगढ़ सहित अन्य क्षेत्रों से भी ऐसी ही शिकायतें लगातार आ रही हैं।
CEO की सफाई और किसानों का आक्रोश
विधायक की नाराजगी पर CEO उमाकांत व्यास ने सफाई देते हुए कहा कि खरीद पूरी तरह टोकन प्रणाली के आधार पर पारदर्शी तरीके से की जा रही है और किसी भी प्रकार का अवैध लेनदेन नहीं हो रहा है। हालांकि, विधायक और मौके पर मौजूद सैकड़ों किसान इस जवाब से संतुष्ट नहीं दिखे। करीब एक घंटे तक चले इस हंगामे और विधायक के धरने के संकेत के बाद खरीद केंद्र पर तनावपूर्ण माहौल बना रहा। किसानों का कहना है कि इस विवाद और अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण तुलाई का काम ठप पड़ा है, जिससे कड़ाके की ठंड में उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।








