बीकानेर खण्ड की मासिक तकनीकी कार्यशाला एवं समीक्षा बैठक आयोजित, किसानों को समयबद्ध लाभ पहुँचाने पर जोर


बीकानेर , 24 दिसम्बर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अनुसंधान केंद्र में आज बीकानेर, चूरू और जैसलमेर खण्ड के कृषि अधिकारियों की महत्वपूर्ण मासिक तकनीकी कार्यशाला एवं समीक्षा बैठक संपन्न हुई। अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार) त्रिलोक कुमार जोशी और क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डॉ. भूपेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में विभागीय योजनाओं की प्रगति का बारीकी से विश्लेषण किया गया। बैठक का मुख्य केंद्र बिंदु चालू वित्तीय वर्ष के लक्ष्यों को समय सीमा में पूर्ण करना और किसानों को कृषि आदानों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना रहा।


अतिरिक्त निदेशक जोशी ने समीक्षा के दौरान सख्त निर्देश दिए कि फार्म पौण्ड, पाइपलाइन, डिग्गी, तारबन्दी और कृषि यंत्रों जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में आवंटित बजट का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग जैसी केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए। जोशी ने कहा कि भौतिक सत्यापन के तत्काल बाद वित्तीय स्वीकृति जारी की जाए ताकि 7 दिनों के भीतर बजट का प्रभावी उपयोग हो सके।


कृषि आदानों की गुणवत्ता को लेकर बैठक में कड़ा रुख अपनाया गया। जोशी ने कृषि आदान निरीक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे उर्वरक, बीज और कीटनाशकों के गुणवत्ता परीक्षण के लक्ष्यों को समय पर पूरा करें। साथ ही, उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में अमानक (Sub-standard) पाए गए कृषि आदानों से संबंधित लंबित कोर्ट केसों को अविलंब दायर करवाया जाए। उन्होंने फील्ड अधिकारियों को उर्वरकों की समुचित उपलब्धता और वितरण की निरंतर निगरानी करने के निर्देश दिए ताकि किसानों को सीजन के दौरान किसी भी प्रकार की किल्लत का सामना न करना पड़े।
कार्यशाला में आगामी जनवरी माह के लिए प्रस्तावित कृषि एवं उद्यानिकी तकनीकों पर भी विशेषज्ञों के साथ चर्चा की गई। बैठक में विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों सहित बीकानेर, चूरू और जैसलमेर के कृषि, उद्यानिकी तथा ‘आत्मा’ योजना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। प्रशासन का लक्ष्य है कि जिले का ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना’ प्लान जल्द तैयार कर कृषि आयुक्तालय को भिजवाया जाए, जिससे किसानों को समयबद्ध तरीके से लाभ मिल सके।








