मुनिश्री कमल कुमार जी ने उदयरामसर में बच्चों को बताया अनुशासन और ज्ञान का महत्व


उदयरामसर, 18 जुलाई। आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमार जी ने आज उदयरामसर स्थित श्री शिव प्रताप बजाज महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में बच्चों को संबोधित किया। उन्होंने बच्चों को ज्ञान, अनुशासन और नैतिकता के महत्व पर प्रेरणादायक उद्बोधन दिया।‘सरस्वती का खजाना बांटने से बढ़ता है‘ मुनिश्री कमल कुमार जी ने कहा कि “सरस्वती का खजाना बांटने से बढ़ता है”, जिसका अर्थ है कि ज्ञान साझा करने से बढ़ता है। उन्होंने बताया कि विद्वान व्यक्ति का हर जगह सम्मान होता है, और ज्ञान कभी बोझ नहीं बनता या बेकार नहीं जाता। ज्ञान से शांति और प्रतिष्ठा दोनों बढ़ती हैं। मुनिश्री ने विद्यालय के बच्चों को संस्कारी बताते हुए आचार्य श्री तुलसी के कथन “निज पर शासन फिर अनुशासन” का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण जीवन के लिए अनुशासन अत्यंत आवश्यक है, और प्रत्येक विद्यार्थी को अनुशासित जीवन जीना चाहिए। उनका मानना था कि अनुशासन प्रकृति के लिए आवश्यक है, तो मानव के लिए अनिवार्य।




राष्ट्र विकास में अनुशासन की भूमिका
मुनिश्री ने जोर देकर कहा कि किसी भी राष्ट्र का चतुर्दिक विकास अनुशासन पर ही निर्भर करता है। अनुशासन और मर्यादा से मानसिक और बौद्धिक विकास होता है। उन्होंने भारत को भगवान राम के देश के रूप में उल्लेख किया, जो मर्यादा और अनुशासन के पर्याय थे। इसी तरह, आचार्य श्री भिक्षु ने भी मर्यादा और अनुशासन की अलख जगाने का कार्य किया।


विद्यार्थियों के लिए अणुव्रत के नियम
मुनिश्री ने बच्चों को अपने भावी जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने, अध्ययन करने, ज्ञानी बनने और अच्छे विद्यार्थी बनने के लिए अणुव्रत के नियमों को अपनाने की प्रेरणा दी। इनमें प्रमुख नियम शामिल थे:
- अवैधानिक तरीकों का प्रयोग नहीं करना।
- अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना।
- तोड़फोड़ मूलक प्रवृत्तियों में भाग नहीं लेना।
- माता-पिता और गुरुजनों का आदर करना।
- दुर्व्यसनों का सेवन नहीं करना।
- हरे-भरे पौधों को नहीं तोड़ना और नहीं काटना।
कार्यक्रम में उपस्थिति
कार्यक्रम में प्राचार्य रतन लाल छलाणी ने स्वागत वक्तव्य दिया और स्कूल में हुए विकास कार्यों पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ पत्रकार जैन लूणकरण छाजेड़ और तेरापंथी सभा के मंत्री जतन लाल संचेती ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बालिका स्कूल के प्राचार्य अजय गोदारा ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सरोज बाला मोदी, अतुल कुमार तिवारी, अविनाश आशिया, उत्तमचंद छिंपा, डूंगर दान, सुनैना, प्रियंका चौधरी, अनिल यादव, विकास शर्मा, श्रद्धा, विजेता तुल्यानी, दीपांशु चारण, पुष्पा गोदारा, खुशबू शर्मा, अभय सिंह यादव, अनिला मीणा, टीना चौधरी, ज्योतिका ओझा, हड़मान नाथ, अभिषेक राजपुरोहित सहित समस्त स्टाफ, शाला प्रबंधन समिति के सदस्य और अभिभावकगण उपस्थित रहे। साथ ही अमरचंद सोनी, पवन छाजेड़, मांगीलाल लूणिया, संपत सांड, कमल भंसाली, संपत बाफना, मदनलाल बोथरा, सुरेंद्र भूरा, हनुमान मल सेठिया और अन्य गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे।