आचार्य श्री महाप्रज्ञ की 105वीं जयंती पर ₹100 का स्मारक सिक्का जारी करेगी भारत सरकार


जैन लूणकरण छाजेड़
बीकानेर, 24 जुलाई। भारत सरकार आचार्य श्री महाप्रज्ञ की 105वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष ₹100 का स्मारक सिक्का जारी करने जा रही है। वित्त मंत्रालय ने 24 जुलाई, 2025 को एक राजपत्र अधिसूचना जारी कर इस महत्वपूर्ण कदम की पुष्टि की है। यह सिक्का 28 जुलाई को जारी होने की संभावना है।आचार्य श्री महाप्रज्ञ: एक दूरदर्शी संत और विचारक आचार्य श्री महाप्रज्ञ एक श्रद्धेय संत , आध्यात्मिक गुरु और दूरदर्शी विचारक थे, जिन्होंने जैन तेरापंथ संप्रदाय के दसवें आचार्य के रूप में कार्य किया। उनका जन्म 1920 में हुआ था और उन्होंने अपना पूरा जीवन अहिंसा, ध्यान और नैतिक जीवन के सिद्धांतों के प्रसार के लिए समर्पित कर दिया। उन्हें युगप्रधान आचार्य, अणुव्रत अनुशास्ता, संत, योगी, आध्यात्मिक दार्शनिक, अधिनायक, लेखक, वक्ता और कवि के रूप में जाना जाता है। उनके द्वारा प्रतिपादित प्रेक्षा ध्यान से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं, और इसका 50वां वर्ष देश भर में उनके उत्तराधिकारी आचार्य श्री महाश्रमण के नेतृत्व में मनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, उनका ‘साइंस ऑफ लिविंग’ (जीवन विज्ञान) विषय पाठ्यक्रम कई स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाया जा रहा है।




स्मारक सिक्के की विशिष्टताएं
बीकानेर के सिक्का संग्राहक और अध्येता सुधीर लुणावत ने बताया कि आचार्य श्री महाप्रज्ञ पर जारी होने वाले इस सिक्के का कुल वजन 40 ग्राम होगा और यह शुद्ध चांदी (99.9%) से बना होगा। सिक्के का व्यास 44 मिमी होगा, जिसके किनारे पर 200 दाँतेदार रेखाएँ होंगी। इस सिक्के का निर्माण भारत सरकार की मुंबई टकसाल द्वारा किया गया है। सुधीर लुणावत के अनुसार, इस सिक्के की संभावित कीमत लगभग ₹7000 रहने की उम्मीद है।



सिक्के का विवरण:
अग्रभाग (सामने का हिस्सा): सिक्के के अग्रभाग पर मध्य में अशोक स्तंभ का सिंह शीर्ष अंकित होगा, जिसके नीचे “सत्यमेव जयते” लिखा होगा। बाईं ओर देवनागरी लिपि में “भारत” और दाईं ओर अंग्रेज़ी में “INDIA” लिखा होगा। इस पर सिंह शीर्ष के नीचे अंतर्राष्ट्रीय अंकों में रुपया चिह्न (₹) और मूल्यवर्ग “100” भी अंकित होगा।
पृष्ठभाग (पीछे का हिस्सा): सिक्के के पीछे के भाग में मध्य में आचार्य श्री महाप्रज्ञ का फोटो होगा, जिसकी ऊपरी परिधि पर हिंदी में और निचली परिधि पर अंग्रेजी में “आचार्य महाप्रज्ञ की 105वीं जयंती” लिखा होगा। आचार्य महाप्रज्ञ के फोटो के दाएं और बाएं क्रमशः उनके जन्म और महाप्रयाण के वर्ष “1920” तथा “2010” अंकित होंगे। चित्र के ठीक नीचे वर्ष “2025” लिखा होगा।

आचार्य श्री महाप्रज्ञ की 105वीं जयंती पर ₹100 का स्मारक सिक्का की राजपत्र अधिसूचना जारी
आचार्य महाप्रज्ञ का गंगाशहर (बीकानेर) से गहरा संबंध
ज्ञात रहे कि आचार्य तुलसी ने ही मुनिश्री नथमल का ‘महाप्रज्ञ’ नामकरण गंगाशहर में किया था। आचार्य तुलसी ने अपने जीवनकाल में ही महाप्रज्ञ जी को तेरापंथ का 10वां आचार्य बना दिया था। गंगाशहर की नई लेन में महाप्रज्ञ सर्किल का निर्माण भी हो चुका है। बीकानेर संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल के आचार्य तुलसी कैंसर सेंटर में “महाप्रज्ञ बोनमेरो सेंटर” का निर्माण भी करवाकर लोकार्पित किया गया था। शांति प्रतिष्ठान के तत्कालीन अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड़ ने आचार्य महाप्रज्ञ की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में महाप्रज्ञ बोनमेरो सेंटर में कई लोगों का इलाज निःशुल्क आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान से करवाकर महाप्रज्ञ जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किया थे ।
उनकी जन्म शताब्दी पर देश की अनेक जगहों पर आचार्य महाप्रज्ञ के नाम से मार्ग और संस्थानों का निर्माण हुआ है। तेरापंथ समाज द्वारा पूरे देशभर में “आचार्य महाप्रज्ञ इंटरनेशनल स्कूल” की श्रृंखलाओं का निर्माण जारी है। उनके जन्म स्थान टमकोर में भी आचार्य महाप्रज्ञ कॉलेज में सैकड़ों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
यह स्मारक सिक्का आचार्य श्री महाप्रज्ञ के असाधारण योगदान और समाज पर उनके गहरे प्रभाव को याद करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम होगा।