साहित्य प्रतियोगिता विजेताओं का सम्मान

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श्रीडूंगरगढ़, 14 सितम्बर। यहां संस्कृति भवन में गुरुवार को हिन्दी दिवस के अवसर पर साहित्य क्षेत्र में हुई प्रतियोगिता के प्रतिभागियों का सम्मान किया गया। इसमें भीष्मदेव राजपुरोहित स्मृति अखिल भारतीय राजस्थानी लघुकथा प्रतियोगिता के लिए प्रथम स्थान पर रही जयपुर की प्रेम, द्वितीय स्थान पर बीकानेर के सुनील गज्जाणी, तृतीय स्थान पर बेंगलुरु के माणक तुलसीराम गौड़ को नकद राशि व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इसी तरह राजस्थली अलंकरणके लिए हनुमानगढ़ के दीनदयाल शर्मा, बीकानेर के डॉ. नमामी शंकर आचार्य, पूर्णिमा मित्रा, उदयपुर की शकुन्तला पालीवाल व नोहर के शिवराज भारतीय का सम्मान हुआ। इसके अलावा रामजीलाल घोड़ेला की पुस्तक राजस्थानी व्यंग्य संग्रह जुगाड़, सत्यदीप की बाल साहित्य कृति टाबरायण, विमला नागला की बाल पत्र लेखन कृति हुलसी चिरमी, लिख लिख पाती का लोकार्पण हुआ।

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भाषा की समाप्ति एक कौम की समाप्ति है…डाॅ. जितेन्द्र सोनी
डाॅ. दुर्गा प्रसाद अग्रवाल को साहित्य श्री सम्मान

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श्रीडूंगरगढ़ ,14 सितम्बर अगर देश में कोई भाषा अपना सामर्थ्य, कोशिश, व्यवहार व व्यापार की इच्छा रखती है तो वो भाषा हिन्दी है और वह देश के सम्प्रेषण की भाषा है। यह उद्गार यहां हिंदी दिवस के अवसर पर गुरुवार को राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान समारोह के उद्घाटन कर्ता भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जयपुर के निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने व्यक्त किए। यहां संस्कृति भवन में आयोजित समारोह के अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ. सोनी ने कहा कि हिन्दी तेजी से व्यवहार एवं व्यापार की भाषा बनती जा रही है और वह तेजी से अपना विकास कर रही है। उन्होंने ने कहा कि हर भाषा का सम्मान होना चाहिए, एक भाषा का मरना कौम के मरने जैसा है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष शिवराज छंगाणी ने कहा कि ज्ञानवर्धन के लिए व्यक्ति दूसरी भाषा सीखता है पर हिंदी देश को जोड़ने की भाषा है। अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद डॉ. हेमंत कृष्ण मिश्रा ने कहा कि हिंदी वह भाषा है, जो हमारी संस्कृति को थामे हुए है। विशिष्ट अतिथि जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष बुलाकी शर्मा ने हिंदी और हिंदुस्तान को एक दूसरे का पर्याय बताते हुए कहा कि हिंदी देश की एकता व अखंडता के साथ जुड़ी हुई है और इसके माध्यम से ही भारत विश्व गुरु के रूप में उदयमान होगा।
हिन्दी की विकास यात्रा विषय पर मुख्य रूप से बोलते हुए साहित्यकार डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने कहा कि हिन्दी से अनुराग रखने वालो के लिए यह दिन त्यौहार की गरिमा रखता है। हिन्दी हमारे देश की राजभाषा तो है, पर वह अभी राष्ट्र भाषा नहीं बन पाई है। हिन्दी के लिए हमारा आग्रह राष्ट्र भाषा का होना चाहिए। भाषा के बिना राष्ट्र की पहचान नहीं होती है। हिंदी भाषा अनेकता में एकता को परिभाषित करती हुई मानवता को जोड़ती है और इसमें संस्कृति की छवि निहित है।
संस्था अध्यक्ष श्याम महर्षि ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए संस्था की गतिविधियों से रूबरू करवाया। संस्था के सत्यदीप ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन रवि पुरोहित ने किया।
इनका हुआ सम्मान-
यहां राष्ट्रीय राज मार्ग पर स्थित संस्कृति भवन में संस्था के वार्षिक उत्सव के अवसर पर संस्था की सर्वोच्च मानद उपाधि मलाराम माली स्मृति साहित्यश्री जयपुर के डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल को संस्था की सर्वोच्च मानद उपाधि मलाराम माली स्मृति साहित्यश्री उपाधि दी गई। इसी तरह डॉ. नंदलाल महर्षि स्मृति हिन्दी साहित्य सृजन पुरस्कार बीकानेर के नदीम अहमद, पं. मुखराम सिखवाल स्मृति राजस्थानी साहित्य सृजन पुरस्कार रामगढ़ के पूर्ण शर्मा, सामाजिक सरोकारों को समर्पित रामकिशन उपाध्याय स्मृति समाज सेवा सम्मान जसवंतगढ़ के बजरंगलाल तापड़िया व शिवप्रसाद सिखवाल स्मृति महिला लेखन पुरस्कार फरीदाबाद की कमल कपूर को प्रदान किया गया। इसी तरह संगरिया के गोविंद शर्मा को श्यामसुंदर नागला स्मृति बाल साहित्य पुरस्कार, गाजियाबाद के डॉ. मुरारीलाल अग्रवाल को सुरेश कंचन ओझा लेखन पुरस्कार के अलावा किशनगढ़ के डॉ. सतीश कुमार व कोटा की डॉ. वीणा अग्रवाल को शब्द शिल्पी सम्मान दिया गया।
इस दौरान ताराचंद इंदौरिया, साहित्यकार डॉ. मदन सैनी, डॉ. चेतन स्वामी, सत्यदीप, भंवर भोजक, बजरंग शर्मा, महावीर माली, विजय महर्षि, डॉ. राधाकिशन सोनी, रामचंद्र राठी, कांति भवानी उपाध्याय, कंचन ओझा, प्रिया ओझा, जगदीशचंद्र शर्मा, विमला नागला, डॉ. ओमप्रकाश सारस्वत, अरुण गुप्ता, मनमोहन कल्याणी, पृथ्वीराज रतनू, अब्दुल स्कूर सिसोदिया, रोहित सिखवाल, कन्हैयालाल सारस्वत, ओमप्रकाश गांधी, दयाशंकर शर्मा, लीलाधर सारस्वत, कुम्भाराम घिंटाला, थानमल भाटी, रमेश व्यास, सहीराम चौधरी सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

 

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