एनआरसीसी बीकानेर द्वारा प्रतापगढ़ के मोटा मायंगा में कृषक-वैज्ञानिक संवाद व पशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित

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बीकानेर, 5 अगस्त। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र (ICAR-NRCC), बीकानेर ने जनजातीय उप-योजना (TSP) के तहत आज प्रतापगढ़ जिले के गांव मोटा मायंगा में एक महत्वपूर्ण कृषक-वैज्ञानिक संवाद व पशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इंडियन फार्म फॉरेस्ट्री डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव लिमिटेड (IFDC), प्रतापगढ़ के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में 110 से अधिक जनजातीय परिवारों ने सक्रिय भागीदारी की। पशुधन स्वास्थ्य और आय वृद्धि पर जोर
इस शिविर के दौरान कुल 535 पशुओं (जिनमें 125 गाय, 121 बैल, 91 भैंस, 173 बकरी, 23 बकरा और 2 भेड़ शामिल थे) में रोगों के बचाव हेतु दवाइयाँ और किट वितरित किए गए। संवाद कार्यक्रम में पशुपालकों ने वैज्ञानिकों के सामने अपनी पशु स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ रखीं, जिनके उचित समाधान और निराकरण संबंधी विस्तृत जानकारी उन्हें प्रदान की गई। केंद्र निदेशक और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अनिल कुमार पूनिया ने ग्रामीण किसानों और पशुपालकों से संवाद करते हुए कहा कि सरकार की जन जातीय उप-योजना के तहत पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को पशु स्वास्थ्य सेवाएँ और संगोष्ठियों के माध्यम से उपयोगी जानकारी दी जाती है। इसका उद्देश्य यह है कि वे अद्यतन वैज्ञानिक जानकारी और कृषि संसाधनों संबंधी सहायता से अपने पशुओं से अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर अपनी आमदनी में सुधार ला सकें।

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समन्वित कृषि और महिला भागीदारी
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रतन चौधरी ने पशुपालकों से संवाद के दौरान कृषि और पशुपालन के बीच समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने उन्हें समन्वित कृषि मॉडल अपनाने के लिए प्रेरित किया और विशेष रूप से इसमें महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की बात कही। केंद्र के टीएसपी योजना के नोडल अधिकारी डॉ. श्याम चौधरी ने पशुओं में रोगों के बचाव और उनके प्रबंधन के बारे में उपयोगी जानकारी दी। साथ ही, सहभागी पशुपालकों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए उन्हें कृषि संबंधी विविध उपयोग हेतु तिरपाल, कीटनाशक छिड़काव हेतु बैटरी चालित स्प्रे मशीन, दूध टंकी, टब, चारा और पशु दवाएँ/किट जैसी सुविधाएँ भी प्रदान की गईं। पशुओं में रोगों से बचाव और उनके रखरखाव के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी गई।

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स्थानीय सहयोग और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
गाँव मोटा मायंगा के सरपंच शांतिलाल ने एनआरसीसी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इस आयोजन को सार्थक बताया। आई.एफ.डी.सी. की वरिष्ठ परियोजना अधिकारी श्रीमती संतोष चौधरी ने जनजातीय परिवारों को केंद्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और उनका लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कार्यक्रम का संचालन भी सहज और प्रभावशाली रूप से किया। इस अवसर पर श्री नीलेश ने कृषि में नवीनतम तकनीकों और सतत कृषि पद्धतियों के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण महिलाओं द्वारा सांस्कृतिक गीत और लोक नृत्य भी प्रस्तुत किए गए, जिससे आयोजन में चार चाँद लग गए।

एनआरसीसी द्वारा जनजातीय उपयोजना के अंतर्गत समन्वित रूप से आयोजित इस कार्यक्रम की विभिन्न गतिविधियों के सफल निष्पादन में केंद्र के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अखिल ठुकराल, सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी मनजीत सिंह, तकनीकी अधिकारी जितेंद्र कुमार, सहायक प्रशासनिक अधिकारी राजेश चौधरी, हरजिंदर और नरेंद्र का उल्लेखनीय योगदान रहा।

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