एमजीएसयू में एनएसयूआई का हल्ला बोल, कुलपति कार्यालय का घेराव कर बोले छात्र— ‘साहब, हमारे माता-पिता बड़ी मुश्किल से कमाते हैं, फीस कम करें’


बीकानेर, 23 दिसम्बर। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) में सोमवार को छात्र राजनीति की तपिश देखने को मिली। छात्र हितों और बढ़ती फीस के विरोध में एनएसयूआई (NSUI) ने विश्वविद्यालय परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष हरिराम गोदारा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता कुलपति कार्यालय के बाहर जमा हुए और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन का आलम यह था कि जब कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित आगामी दीक्षांत समारोह को लेकर प्रेस वार्ता कर रहे थे, तब भी छात्र बाहर अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे।


अभिभावकों के संघर्ष की दी दुहाई प्रदर्शन के दौरान छात्रों का दर्द छलक पड़ा। कुलपति को सौंपे गए ज्ञापन में छात्रों ने स्पष्ट रूप से कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन हर सत्र में किसी न किसी बहाने फीस बढ़ा देता है। छात्रों ने कुलपति से भावुक अपील करते हुए कहा, “हमारे अभिभावक दिन-रात मेहनत करके बड़ी मुश्किल से पैसे कमाते हैं। लगातार बढ़ती फीस, पुनर्मूल्यांकन शुल्क और लेट फीस का बोझ अब गरीब परिवारों के लिए चुनौती बन गया है।” छात्रों ने मांग की कि अनावश्यक आर्थिक भार को तुरंत कम किया जाए।


पारदर्शिता और सुविधाओं पर उठाए सवाल फीस वृद्धि के अलावा एनएसयूआई ने परीक्षा परिणामों में देरी, पुनर्मूल्यांकन की जटिल प्रक्रिया, लाइब्रेरी में सुविधाओं के अभाव और ऑनलाइन सेवाओं की खामियों को लेकर भी नाराजगी जताई। जिलाध्यक्ष हरिराम गोदारा ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की समस्याओं के प्रति संवेदनहीन बना हुआ है। ज्ञापन में मांग की गई है कि परीक्षा और परिणाम प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए ताकि छात्रों का कीमती समय बर्बाद न हो।
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने छात्रों का ज्ञापन लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हालांकि, एनएसयूआई पदाधिकारियों ने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित समय में शुल्क कटौती और शैक्षणिक सुविधाओं में सुधार नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और अधिक उग्र किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे और पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा।








