बीकानेर के बाजारों में अब महिलाओं के लिए बनेंगे ‘पिंक टॉयलेट’, व्यापार मंडल और निगम की अनूठी पहल


बीकानेर, 22 दिसंबर। बीकानेर शहर के मुख्य बाजारों में खरीदारी के लिए आने वाली महिलाओं की सुविधा, स्वच्छता और सम्मान को ध्यान में रखते हुए नगर निगम एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। बीकानेर व्यापार एवं उद्योग मंडल के सतत प्रयासों के बाद अब शहर के व्यस्ततम व्यावसायिक क्षेत्रों में ‘पिंक टॉयलेट’ (महिला विशेष शौचालय) का निर्माण किया जाएगा। सोमवार को नगर निगम और व्यापार मंडल की संयुक्त टीम ने विभिन्न स्थलों का दौरा कर जमीन का चिह्नीकरण किया।


इन प्रमुख स्थलों पर होगा निर्माण
नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष के निर्देशन में किए गए इस संयुक्त सर्वे के दौरान उन स्थानों को प्राथमिकता दी गई है, जहां महिलाओं की आवाजाही सबसे अधिक रहती है। निरीक्षण के बाद निम्नलिखित स्थलों को अंतिम रूप से चयनित किया गया है।


खचाँची मार्केट के सामने रतन बिहारी पार्क। तोलियासर भेरू जी गली के पास। कोटगेट सब्जी मंडी के समीप। बड़ा बाजार टैक्सी स्टैंड के पास।
इन नए शौचालयों के निर्माण के साथ ही प्रशासन ने यह भी निर्णय लिया है कि पूर्व में बने हुए जो सार्वजनिक टॉयलेट वर्तमान में बंद या खराब हैं, उन्हें भी तत्काल प्रभाव से ठीक कर सुचारू किया जाएगा।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की सोच को धरातल पर उतारने का प्रयास
व्यापार मंडल के अध्यक्ष जुगल राठी के मार्गदर्शन में यह पहल रंग लाई है। मंडल के सचिव संजय जैन सांड ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप प्रदेश में महिलाओं के लिए ‘पिंक टॉयलेट’ की सौगात दी जा रही है। इसी कड़ी में व्यापार मंडल लगातार निगम प्रशासन के संपर्क में था ताकि बाजारों में आने वाली महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। यह कदम ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के उद्देश्यों को भी मजबूती प्रदान करेगा।
सर्वे के दौरान मौजूद रहे प्रतिनिधि
इस महत्वपूर्ण सर्वे के दौरान नगर निगम के सहायक अभियंता ओम चौधरी, ठेकेदार रमजान अब्बासी, साजिद सुलेमानी सहित व्यापार मंडल के प्रमुख सदस्य शंकर अग्रवाल, जेठमल बोथरा, निरंजन कोचर, कमल बेगानी, हाजी इब्राहीम छींपा, जितेन्द्र सुराणा, भगवान दास अग्रवाल, राजू नागौरी, नजरूम इस्लाम एवं महबूब छींपा उपस्थित रहे। व्यापारियों और नगरवासियों ने इस जनहितकारी निर्णय का स्वागत करते हुए इसे शहर की स्वच्छता व्यवस्था के लिए एक मील का पत्थर बताया है।
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