151 से अधिक मंदिरों में पोष बड़ा महोत्सव एवं मकर संक्रांति महोत्सव 15 दिसंबर से, बैनर का भव्य विमोचन


बीकानेर, 6 दिसंबर। भारतीय संस्कृति एवं सनातन सार्वभौम महासभा के तत्वावधान में वर्षभर चलने वाला 43वाँ पूजन अनुष्ठान जोर-शोर से जारी है। इसके अंतर्गत पोष बड़ा महोत्सव 15 दिसंबर 2025 से 13 जनवरी 2026 तक तथा मकर संक्रांति महोत्सव 14 जनवरी 2026 को राजस्थान के हर जिले में कम से कम 151 मंदिरों में एक साथ भव्य रूप से मनाया जाएगा।
आज श्री धनीनाथ गिरि मठ पंच मंदिर कोटगेट बीकानेर में हरिद्वार से पधारे परम पूज्य स्वामी श्री रामकृष्णानंद महाराज के सानिध्य में एवं अनुष्ठान के साधक पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच (राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय संस्कृति एवं सनातन सार्वभौम महासभा) की उपस्थिति में दोनों महोत्सवों के भव्य बैनर का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर भवानी पुजारी वेदशास्त्री प्रकाश शर्मा, पुजारी भवानी सेवग रामचन्द्र पंजाबी, प्रवीण दाधीच, सरस्वती देवी, शर्मिला देवी, संपत दायमा, बसंती देवी, सोनू सहित अनेक सनातनी भक्तगण उपस्थित रहे।



कैसे मनाएं उत्सव?
पोष बड़ा महोत्सव (15 दिसंबर 2025 – 13 जनवरी 2026): किसी भी एक दिन अपने क्षेत्र के मंदिर में चूरमा/मोगरी चूरमा/गोंद पाक/दाल का हलुआ/पकौड़ी-बड़ा आदि का भोग लगाकर पूजन, आरती एवं प्रसाद वितरण।
मकर संक्रांति महोत्सव (14 जनवरी 2026): उसी या किसी अन्य मंदिर में रेवड़ी, घेवर, फीनी, तिल की मिठाइयों का भोग, पूजन, आरती एवं प्रसाद वितरण।
भक्ति संगीत, सुंदरकांड पाठ आदि भी स्थानीय सहयोग से आयोजित किए जा सकेंगे।



विशेष सम्मान
43वें पूजन अनुष्ठान के तहत वर्षों से निःस्वार्थ भाव से मंदिरों में सेवा करने वाले पुजारी दंपत्तियों को “आध्यात्मिक सेवा एवं आदर्श दंपत्ति सम्मान” से सम्मानित किया जाएगा।
पंडित योगेन्द्र कुमार दाधीच ने कहा, “सनातन संस्कृति को जीवंत रखने का सबसे सरल तरीका है – मंदिरों में एकजुट होकर पूजन और प्रसाद वितरण। यह अनुष्ठान पूरे राजस्थान को एक सूत्र में बांधने का कार्य कर रहा है।”








