मंड्या में साध्वी श्री पुण्ययशा जी का मंगल प्रवेश; आर.आर. नगर के चातुर्मास की सेवा को बताया अनुकरणीय


मंड्या (कर्नाटक), 20 दिसंबर। युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री पुण्ययशा जी (ठाणा 4) ने शुक्रवार, 19 दिसंबर को आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ मंड्या नगर में मंगल प्रवेश किया। साध्वी श्री ‘पुष्प आश्रय राज’ से विहार कर मोहन राज जी सेठिया के निवास पर पधारें। लगभग 7 किलोमीटर लंबे इस पद-विहार के दौरान श्रावक समाज का उत्साह देखते ही बना।
श्रद्धा और उमंग के साथ भव्य स्वागत
विहार के मार्ग में राजराजेश्वरी (R.R.) नगर की तेरापंथी सभा, युवक परिषद, महिला मंडल और कन्या मंडल के साथ-साथ मंड्या के स्थानीय श्रावक समाज की सक्रिय उपस्थिति रही। जैसे ही साध्वी श्री का काफिला सेठिया निवास पहुंचा, वहां का वातावरण जयकारों से गूंज उठा।


अभिनंदन: मंड्या सभा अध्यक्ष ने सभी आगंतुकों का आत्मीय स्वागत किया।


सांस्कृतिक प्रस्तुति: महिला मंडल की सदस्यों ने स्वागत गीतों के माध्यम से अपनी श्रद्धा निवेदित की।
खमतखामणा: तेयुप आर.आर. नगर के अध्यक्ष विक्रम महेर ने विहार सेवा के दौरान रही किसी भी त्रुटि के लिए साध्वी श्री से ‘खमतखामणा’ (क्षमा याचना) की और उनके आगामी विहार के मंगलमय होने की कामना की।
साध्वी श्री का पावन उद्बोधन: सेवा भाव की सराहना
अपने मंगल प्रवचन में साध्वी श्री पुण्ययशा जी ने आर.आर. नगर में संपन्न हुए चातुर्मास की स्मृतियों को ताजा किया। उन्होंने वहां के समाज की जागरूकता और समर्पण की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। साध्वी श्री ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि “आर.आर. नगर का चातुर्मास अत्यंत उत्तम रहा। वहां के समाज का सेवा भाव, विशेष रूप से तेरापंथ युवक परिषद और विपिन पितलिया की विहार सेवा अनुकरणीय है। समाज में समर्पण की यही भावना सदैव वर्धमान रहनी चाहिए।” उन्होंने मंड्या के श्रावक समाज को भी धर्म मार्ग पर अग्रसर रहने और अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा को समाज कल्याण में लगाने की प्रेरणा दी।
समाज का अटूट समन्वय
इस मंगल प्रवेश कार्यक्रम ने एक बार फिर तेरापंथ समाज के अटूट समन्वय और गुरु के प्रति अगाध श्रद्धा को प्रदर्शित किया है। आर.आर. नगर से विदाई और मंड्या में स्वागत के इस संगम ने श्रद्धालुओं को भक्ति के रस में सराबोर कर दिया।








