सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में 1995 बैच का ‘सिल्वर जुबली’ संगम


- विदेशों से पहुंचेंगे डॉक्टर, दिग्गज चिकित्सकों का होगा सम्मान
बीकानेर , 22 दिसम्बर। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है। कॉलेज के 37वें बैच (प्रवेश वर्ष 1995) के चिकित्सक अपनी ग्रेजुएशन की 25वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 25 दिसंबर को बीकानेर में एकत्रित होंगे। सोमवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में आयोजन समिति ने इस भव्य ‘रीयूनियन’ की तैयारियों और उद्देश्यों की जानकारी साझा की। इस ऐतिहासिक मिलन में शामिल होने के लिए अमेरिका और कनाडा सहित दुनिया के विभिन्न कोनों से 84 डॉक्टर बीकानेर पहुंच रहे हैं।


उपलब्धियों से भरा है यह बैच आयोजन समिति ने बताया कि 1995 का यह बैच चिकित्सा जगत के चमकते सितारों का समूह है। इस बैच के डॉ. नरेंद्र झाझरिया ने सरकारी क्षेत्र में भारत का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट कर इतिहास रचा था। वहीं, डॉ. संजय गांधी ने राजस्थान में कार्डियक सर्जरी की नींव रखी। रोबोटिक यूरोलॉजी सर्जरी में डॉ. ईश्वर घायल और विदेश में कार्डियक सर्जरी के क्षेत्र में डॉ. रामनिवास अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके हैं।


सम्मान समारोह और लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रेस वार्ता में अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. रेखा आचार्य और डॉ. मोहित बंसल सहित अन्य वरिष्ठ डॉक्टरों ने बताया कि 25 दिसंबर को कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित मुख्य समारोह की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. सुरेंद्र कुमार वर्मा करेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरपीएससी सदस्य डॉ. अशोक कलवार होंगे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. एस.सी. लोढ़ा मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर चिकित्सा क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाले वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अजीज अहमद सुलेमानी, डॉ. धनपत कोचर, डॉ. एम.एम. बागरी, डॉ. एच.एस. कस्वां और डॉ. के.सी. माथुर को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से नवाजा जाएगा।
चार दिवसीय आयोजनों की रूपरेखा यह उत्सव 23 दिसंबर से शुरू होगा, जिसमें साथियों का आगमन होगा। 24 दिसंबर को पारिवारिक परिचय और स्नेह मिलन का कार्यक्रम रखा गया है, ताकि डॉक्टर अपने परिवारों के साथ पुरानी यादें ताजा कर सकें। अंत में 25 दिसंबर को मुख्य सम्मान समारोह और बैच स्मारिका का विमोचन किया जाएगा। आयोजन समिति का मानना है कि यह कार्यक्रम न केवल पुराने साथियों को जोड़ेगा, बल्कि नई पीढ़ी के युवा डॉक्टरों के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत साबित होगा।








