कलश यात्रा के साथ सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का हुआ आगाज


बीकानेर, 2 अप्रैल । अंधी, अपंग व दुर्घटनाग्रस्त गौमाताओं की सेवा निमित्त पूगल रोड़ स्थित माखनभोग में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन बुधवार को कलश यात्रा के साथ हो गया है। सुबह लगभग 11 बजे सिर पर कलश रखकर सैकड़ों महिलाएं बंगला नगर स्थित हीरेश्वर महादेव मंदिर से हरिनाम संकीर्तन के साथ कथा स्थल माखन भोग पहुंची।



नंदनवन गौशाला के संत श्रीसुखदेवजी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा का वाचन करते हुए कहा कि मन बहुत चंचल होता है, सब स्थितियां मन से ही जुड़ी है। मन ही मनुष्य के बंधन का और मन ही मनुष्य के मोक्ष का कारण है। श्रीसुखदेवजी महाराज ने कहा कि हम अधिक सुविधा प्राप्त करने के बाद भी अशांति नहीं त्याग पाते हैं, हमारा मन विचलित रहता है दूसरों को देखकर, जब तक हम दूसरों की तरफ देखकर चलना पसंद करेंगे तब तक सुख नहीं आ सकता। हमें परिवर्तन लाना होगा, स्वयं को दूसरों के अनुसार चलना बंद करना होगा। आयोजन से जुड़े घनश्याम रामावत ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा में पौथी पूजन यजमान मुकेश आचार्य परिवार द्वारा किया गया।



आरती में साध्वी सुशीला बाई, द्वारकाप्रसाद राठी, सुशील राठी, भंवर सिंह राजपुरोहित, सहित अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे। रामावत ने बताया कि सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समय दोपहर 1 से 4 बजे तक रहेगा। गुरुवार को कथा में भगवान सुखदेवजी का जन्म वृतांत और पितामह भीष्म व श्रीकृष्ण संवाद सुनाया जाएगा।








