एसकेआरएयू के कृषि अनुसंधान केन्द्र ने सरसों फसल को लेकर जारी की एडवाइजरी

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

सरसों में पहली सिंचाई एक माह से पूर्व न करें, जल्द सिंचाई करने पर कालर रॉट बीमारी का खतरा- डॉ एच.एल.देशवाल, क्षेत्रीय निदेशक,कृषि अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl
SETH TOLARAM BAFANA ACADMY

 

बीकानेर, 22 नवंबर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए सदैव तत्पर हैं। समय समय पर विभिन्न फसलों को लेकर एडवाइजरी जारी की जाती है ताकि फसल अच्छी हो और किसानों की आय बढ़े। एसकेआरएयू के कृषि अनुसंधान केन्द्र ने सरसों को लेकर एडवाइजरी जारी की है। किसान अगर इसकी पालना करेंगे तो निश्चित ही सरसों की फसल अच्छी होगी।

pop ronak
kaosa

स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अनुसंधान केन्द्र बीकानेर के क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान डॉ एच.एल.देशवाल ने शुक्रवार को सरसों की फसल को लेकर एडवाइजरी और मौसम पूर्वानुमान एवं कृषि सलाह जारी करते हुए बताया कि सरसों की फसल में पहली सिंचाई एक माह से पूर्व न करें। अगर सरसों की फसल में जल्द सिंचाई की जाती है तो कालर रॉट बीमारी का खतरा बढ़ जाएगा। अत्यधिक तापमान के कारण इस समय सरसों की फसल में पहली सिंचाई जल्द करने पर कालर रॉट नामक बीमारी का खतरा बढ़ गया है, जिससे फसल झुलसने की संभावना बन रही है।

डॉ देशवाल ने बताया कि भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार सरसों की फसल में पहली सिंचाई करते समय भूमि में नमी की स्थिति को ध्यान में रखें और केवल आवश्यकता अनुसार ही सिंचाई करें। किसानों को यह सलाह दी जाती है कि भूमि की नमी को 4-5 सेंटीमीटर गहराई पर जांचने के बाद ही सिंचाई करें। अत्यधिक सिंचाई से बचें, क्योंकि इससे फसल में कालर रॉट बीमारी की संभावना बढ़ जाती है।

सरसों में कालर रॉट बीमारी तो ऐसे करें निदान

डॉ देशवाल ने बताया कि जिन किसानों ने सरसों की फसल में पहले ही सिंचाई कर ली है और उनकी फसल में झुलसने के लक्षण (कालर रॉट बीमारी) दिखाई दे रहे हैं, तो वे इसके निदान को लेकर तत्काल स्ट्रेप्टोमाइसिन 200 पीपीएम (200 मिलीग्राम प्रति लीटर पानी) का एवं कार्बेन्डाजिम 50 डब्ल्यू.पी. 2 ग्राम प्रति लीटर का घोल बनाकर पौधों पर छिड़काव करें। ध्यान रखें कि छिड़काव संक्रमित फसल पर ही करें।

मौसम पूर्वानुमान

कृषि अनुसंधान केन्द्र बीकानेर के क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान डॉ एच.एल.देशवाल ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली एवं राज्य मौसम केंद्र, जयपुर से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर बीकानेर जिले में आगामी 5 दिनों 22 नवंबर से 26 नवंबर तक मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 22 नवंबर व 24 से 26 तक आकाश स्वच्छ रहने, 23 को आंशिक बादल छाए रहने, न्यूनतम तापमान 14-15 डिग्री सेंटीग्रेड और अधिकतम तापमान 30-32 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य रहने की संभावना है। इस दौरान उत्तरी पूर्वी, पूर्वी दक्षिणी पूर्वी, पश्चिमी दक्षिणी पश्चिमी और उत्तरी उत्तरी पश्चिमी दिशा से तेज गति की हवायें बहुत कम सापेक्ष आर्द्रता के साथ चलने की संभावना है।

mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *