भगवान पार्श्वनाथ जन्म जयंती पर तप अभिनंदन समारोह, सादगी का संदेश

shreecreates
quicjZaps 15 sept 2025

गंगाशहर, 14 दिसंबर। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, गंगाशहर के तत्वावधान में आज भगवान पार्श्वनाथ जन्म जयंती के पावन अवसर पर उग्र विहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी के सान्निध्य में तप अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया।

indication
L.C.Baid Childrens Hospiatl

पार्श्वनाथ के संदेश की प्रासंगिकता
मुनि श्री कमल कुमार जी ने भगवान पार्श्वनाथ, जो तेईसवें तीर्थंकर थे, उनके जीवन और संदेश पर प्रकाश डाला। मुनि श्री ने बताया कि भगवान पार्श्वनाथ ने चातुर्याम धर्म का प्रतिपादन किया, जिसका मूल आधार अहिंसा परमो धर्म है। उनके संदेश का मूल आधार सभी जीवों के प्रति दया, प्रेम और करुणा का भाव रखना है, तथा मन, वचन और कर्म से किसी को कष्ट न पहुँचाना है। भगवान पार्श्वनाथ का संदेश हमें शांति, संतोष और समन्वय की ओर ले जाता है। उनके सिद्धांतों का अनुपालन आज भी समाज में व्याप्त संघर्ष और हिंसा को समाप्त करने में सक्षम है।

pop ronak
kaosa

मुनि श्री ने कहा कि आज का युग भौतिकवाद और तनाव से भरा है, ऐसे में भगवान पार्श्वनाथ का संदेश हमें शान्ति, संतोष और समन्वय की ओर ले जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि भगवान ने गृहस्थावास में सर्प-सर्पिणी का उद्धार किया और साधु बनने के बाद जन-जन का उद्धार किया। मुनि श्री ने तपस्वी साध्वी भूरा जी का भी उल्लेख किया, जिन्होंने 12 मास तक छाछ के पानी के आधार पर तपस्या की थी।

तपस्या- शुद्धि और दुखों का क्षयतप
अभिनंदन समारोह में मुनि श्री ने तपस्या के महत्व को समझाया।तप का महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने भगवान महावीर स्वामी का उदाहरण देते हुए कहा कि “तवो विसुद्धि मगो, तवो दुक्खक्खओ” अर्थात तपस्या आत्मा की शुद्धि का मार्ग है और दुखों का क्षय करने वाली है।

तपस्वियों का अभिनंदन
मंत्री जतनलाल संचेती ने बताया कि इस अवसर पर अठाई (आठ दिन) की तपस्या करने वाले 57 तपस्वी जनों का अभिनंदन किया गया। इन सभी तपस्वी जनों को साहित्य भेंट करके उनके तप की अनुमोदना की गई, ताकि अन्य लोगों को भी तपस्या करने की प्रेरणा मिल सके।
सादगी और 21 व्यंजन सीमा का संकल्प

तेरापंथी सभा गंगाशहर के अध्यक्ष नवरतन बोथरा ने तप की महत्ता पर प्रकाश डाला और एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि तेरापंथ समाज में जो कोई भी अपने पारिवारिक आयोजनों—जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मायरा, 25वीं/50वीं वैवाहिक वर्षगांठ आदि अवसरों पर आयोजित स्नेह भोज में 21 व्यंजनों सीमा का पालन करेगा अर्थात 21 व्यंजनों से अधिक नहीं करेगा, उस परिवार का विशेष रूप से अभिनंदन किया जाएगा। यह निर्णय सादगी और मितव्ययिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है।

कार्यक्रम का संचालन सभा के मंत्री जतनलाल संचेती ने किया। इस अवसर पर महासभा संरक्षक जैन लूणकरण छाजेड़, पूर्व अध्यक्ष अमरचंद सोनी, महिला मंडल, तेयुप, टीपीफ और शान्तिप्रतिष्ठान सहित सभी संघीय संस्थाओं के कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहे।

 

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *