सक्षम-संपन्न लोगों को अब नहीं मिलेगा गरीबों के हक का गेहूं, 31 दिसंबर तक ‘गिव अप’


बीकानेर/जयपुर, 28 नवंबर । राजस्थान में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि गरीबों के हक का राशन (खाद्य सब्सिडी) लेने वाले अपात्र और संपन्न लोगों के खिलाफ 31 दिसंबर के बाद दंडात्मक कार्रवाई और वसूली की जाएगी। माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दिशा-निर्देशों पर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि विभाग ‘गिव अप अभियान’ चला रहा है, जिसके तहत स्वेच्छा से सब्सिडी नहीं छोड़ने वाले अपात्रों पर सख्ती की जाएगी।
48 लाख अपात्रों ने स्वेच्छा से छोड़ी सब्सिडी
मंत्री श्री सुमित गोदारा ने बताया कि गत वर्ष 1 नवंबर को शुरू हुए ‘गिव अप अभियान’ के तहत प्रदेश में अब तक 48 लाख संपन्न लोगों ने स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा (NFSA) सूची से हटाया है। इस अभियान और ई-केवाईसी नहीं करवाने से बनी रिक्तियों के कारण, 26 जनवरी 2025 को खाद्य सुरक्षा पोर्टल पुनः प्रारंभ होने के बाद से आज दिनांक तक 70 लाख 25 हजार से अधिक वंचित पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा जा चुका है।



उन्होंने संपन्न लोगों से अधिक संख्या में सब्सिडी त्यागने की अपील करते हुए कहा कि 31 दिसंबर को ‘गिव अप अभियान’ की अवधि समाप्त होने के उपरांत स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा नहीं त्यागने वाले अपात्रों के विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक और वसूली की कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में सभी जिला रसद अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
बीकानेर जिला रहा प्रदेश में अग्रणी
जिला रसद अधिकारी नरेश शर्मा ने बताया कि ‘गिव अप अभियान’ में बीकानेर जिला पूरे प्रदेश में अग्रणी रहा है। विभाग के प्रयासों से बीकानेर ज़िले में अब तक कुल 2 लाख 66 हज़ार 499 लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटाए गए हैं। इनमें से 1 लाख 90 हज़ार 199 लोगों ने स्वेच्छा से नाम हटाया है, जबकि 76 हज़ार 300 लोगों के नाम केवाईसी नहीं करवाने पर हटाए गए। इसके परिणामस्वरूप, ज़िले में 1 लाख 52 हज़ार नए पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया है।



हटाए गए लोगों में सर्वाधिक (26.9%) खाजूवाला के, दूसरे स्थान पर (23.4%) बज्जू से और तीसरे स्थान पर (20.9%) पूगल के लोग हैं।
इन लाभार्थियों की होगी विशेष जाँच
विभाग ने उन परिवारों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है जो निम्न श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं, लेकिन अभी भी NFSA का लाभ ले रहे हैं। ऐसे परिवारों की पात्रता की जाँच की जाएगी:
- जिनका कोई भी सदस्य सरकारी/अर्द्धसरकारी/स्वायत्तशासी संस्थाओं में नियमित कर्मचारी/अधिकारी हो।
- जो एक लाख रुपये वार्षिक से अधिक पेंशन प्राप्त करते हों।
- जिन परिवार का कोई भी एक सदस्य आयकरदाता हो।
- जिनके किसी भी एक सदस्य के पास चारपहिया वाहन हो (ट्रेक्टर एवं एक वाणिज्यिक वाहन को छोड़कर)।
- जो सालाना ₹50,000/- से अधिक बिजली का बिल जमा कराते हों या घरों में एयर कंडीशनर का उपयोग करते हों।
- जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दर पर सौ क्विंटल से अधिक फसल सरकार को बेचते हों।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि MSP पर सौ क्विंटल से अधिक फसल बेचने वाले व्यक्ति का 5 किलो निःशुल्क राशन प्राप्त करना विरोधाभासी है। ऐसे लाभार्थियों की पात्रता का परीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वास्तविक जरूरतमंद को ही नि:शुल्क राशन मिले








