यह अत्यंत दुखद और भयावह समाचार-डंपर का तांडव19 मिनट, 19 लाशें


यह हादसा नहीं, कत्ल है
जयपुर , 3 नवम्बर। राजस्थान की राजधानी जयपुर के हरमाड़ा इलाके में लोहा मंडी रोड पर सोमवार (3 नवम्बर) की दोपहर करीब 1 बजे एक खाली डंपर ने मौत का नंगा नाच किया। नशे में धुत ड्राइवर ने ब्रेक लगाने की कोशिश किए बिना लगभग 300 मीटर तक तांडव मचाया और एक के बाद एक 17 गाड़ियों को रौंद डाला। यह भयावह घटना तब हुई जब डंपर, जिसका नंबर आरजे-14 जीपी 8724 बताया गया, रोड नंबर-14 से हाईवे पर चढ़ने के लिए जा रहा था। इस हादसे में प्रारंभिक खबरों में 14 लोगों की मौत की पुष्टि हुई, जबकि शाम 5 बजे तक जिला कलेक्टर ने 19 लोगों की मौके पर मौत होने की आधिकारिक पुष्टि की।



हादसा इतना भीषण था कि सड़क पर शवों के टुकड़े, कटी गर्दनें, और अलग हुए हाथ-पैर बिखरे पड़े थे, जिससे मौके पर चीख-पुकार मच गई और लोगों का कलेजा मुंह को आ गया। मरने वालों में जयपुर के बैनाड़ रोड निवासी महेंद्र (38) और उनकी 5 साल की भतीजी भानु भी शामिल हैं, जो बस में बैठाने आए थे। महेंद्र की 19 वर्षीय भतीजी वर्षा गंभीर रूप से घायल है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि डंपर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से रॉन्ग साइड से दौड़ रहा था और उसने पहले एक बाइक को, फिर गुटखा खरीदते दो सगे भाइयों मुरली-सुरेश को रौंदा, और अंत में तीन कारों पर पलटकर रुका।




ड्राइवर और पुलिस कार्रवाई
स्थानीय लोगों ने बड़ी मुश्किल से डंपर ड्राइवर को मौके पर पकड़ लिया। उसकी पहचान विराटनगर निवासी कल्याण मीणा के रूप में हुई है, जिसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने पुष्टि की है कि ड्राइवर शराब के नशे में था; उसका ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजा गया है, जिसमें शराब की पुष्टि हुई है। पुलिस ने यह भी बताया कि हादसे से करीब डेढ़ किलोमीटर पहले एक पेट्रोल पंप पर डंपर ड्राइवर की एक कार सवार से कहासुनी भी हुई थी। इस भयावह घटना में 10 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें से 6 गंभीर घायलों को तुरंत ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया।
त्वरित सहायता और राष्ट्रीय शोक
इस हादसे को लेकर तुरंत मुआवजा घोषित किया गया। पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50 हजार देने की घोषणा की। वहीं, सीएम भजनलाल ने घायलों को त्वरित इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। यह घटना 24 घंटे के भीतर राजस्थान का दूसरा बड़ा नरसंहार थी, क्योंकि रविवार रात जोधपुर-फलोदी मार्ग पर भी 15 तीर्थयात्री कुचले गए थे, जिससे राज्य में कुल 34 जानें चली गईं और सैकड़ों परिवार बर्बाद हो गए। इस हादसे ने एक बार फिर शराबी ड्राइवरों, ओवरलोड गाड़ियों और ब्रेक फेल जैसे जानलेवा लापरवाही भरे कारणों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आधिकारिक पुष्टि (शाम 5 बजे तक):
जयपुर जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी – 19 लोगों की मौके पर मौत
राजस्थान मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर – 13 शव SMS हॉस्पिटल, 6 गंभीर
पुलिस कमिश्नर – 40+ घायल, 6 क्रिटिकल
लोहा मंडी रोड अब खामोश है—सिर्फ सायरन, रोते परिजन और खून से सनी सड़क। एक मां अपनी 5 साल की बेटी को ढूंढती चीखी: “बेटी… मेरी बेटी कहां है?” डंपर के नीचे से सिर्फ उसका छोटा जूता मिला।
थार प्रतिक्रिया -यह हादसा नहीं, कत्ल है। दो दिन में 34 अकाल मौत केवल शराबी ड्राइवर, ओवरलोड गाड़ियां, ब्रेक फेल से —कब तक? कब व्यवस्था सुधरेगी ?








