जनजातीय गौरव दिवस बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय में उत्साह से मनाया गया


बीकानेर, 13 नवंबर। बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय (BTU) में महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Diwas) मनाया गया। सरकार ने वर्ष 2021 में इस दिवस को जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने और सम्मान देने के लिए घोषित किया था।
अमूल्य सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक
कुलगुरु प्रोफेसर अखिल रंजन गर्ग ने अपने संदेश में कहा कि यह दिवस भारत की अमूल्य सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस जयंती के माध्यम से आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान और भारत की स्वतंत्रता में उनके महत्व को सम्मान दिया जा सके। यह दिन जनजातीय समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पहचान को बढ़ावा देने, उनका उत्सव मनाने और भावी पीढ़ियों को उनके बलिदानों के बारे में जागरूक कराने का उद्देश्य रखता है।


जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा
यूसीईटी प्राचार्य डॉ. परबन्त सिंह संधु ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदायों के योगदान और उनकी विरासत को मान्यता देना इसका प्रमुख उद्देश्य है। संचालिका डॉ. अनु शर्मा ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर 1 से 15 नवंबर तक “जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा” मनाया जाता है।


इस पखवाड़े में, विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों के माध्यम से जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, संस्कृति और योगदान का सम्मान किया जाता है। विद्यार्थियों ने इस अवसर पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में भाग लिया। संचालक जय भास्कर ने बताया कि बिरसा मुंडा ने 19वीं शताब्दी के अंत में आधुनिक झारखंड और बिहार के आदिवासी क्षेत्रों में ब्रिटिश शासन के दौरान एक भारतीय आदिवासी धार्मिक सहस्त्राब्दि आंदोलन का नेतृत्व किया था। जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भावी पीढ़ियों को उनके बलिदानों के बारे में जागरूक कराना है। अंत में डॉ. प्रीति पारीक ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।








