देशनोक में दो साध्वियों ने ली भागवती दीक्षा, कई मुमुक्षुओं ने समर्पित किए अनुज्ञा पत्र


बीकानेर, 12 जुलाई। साधुमार्गी जैन संघ के आचार्य, उत्क्रांति प्रदाता, आगमज्ञाता आचार्य श्री रामलालजी और उपाध्याय प्रवर राजेश मुनि के सान्निध्य में जैनाचार्य की जन्मभूमि और चातुर्मास स्थल देशनोक में शनिवार को दो मुमुक्षुओं ने भागवती दीक्षा ग्रहण की। प्रतापगढ़ की सुश्री अदिति चिप्पड़ अब नवदीक्षिता साध्वी रामजयाश्रीजी बन गई हैं, वहीं देशनोक निवासी (वर्तमान में दिल्ली निवासी) 43 वर्षीय श्रीमती जयश्री पत्नी नरेंद्र सुराणा ने दीक्षा लेकर साध्वी रामजीताश्रीजी के रूप में संयम मार्ग अपनाया।




मुमुक्षु अदिति का वरघोड़ा
चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष और बेंगलुरु प्रवासी, देशनोक निवासी शांति लाल सांड ने बताया कि शुक्रवार को मुमुक्षु अदिति का वरघोड़ा (शोभायात्रा) जैन जवाहर मंडल देशनोक से रवाना होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए जैन जवाहर मंडल के प्रांगण पहुंचा। शोभायात्रा में शामिल श्रावक-श्राविकाएं आचार्य रामलालजी और उपाध्याय प्रवर राजेश मुनि के साथ मुमुक्षु के जयकारे लगा रहे थे। जगह-जगह मुमुक्षु का अभिनंदन किया गया।


भविष्य में दीक्षा लेने वाले मुमुक्षु
सांड ने बताया कि शनिवार को ही श्रीरामपुरम्, बेंगलुरु की सुश्री सोनल भलघट, चालीसगांव, महाराष्ट्र के 24 वर्षीय सिद्धेश भुरट पुत्र नरेंद्र-अनिता भुरट, सेतरावा, जोधपुर की 24 वर्षीय सुश्री ममता गुलेच्छा पुत्री लाल चंद-संतोष देवी गुलेच्छा, और जलगांव, महाराष्ट्र की सुश्री सिद्ध बोहरा पुत्री श्री सचिन व अर्चना ने आचार्य भगवन रामलालजी महाराज और वाचनाचार्य उपाध्याय प्रवर राजेश मुनि के समक्ष दीक्षा के लिए अनुज्ञा पत्र समर्पित किए। इन सभी की दीक्षाएं देशनोक में 29 सितंबर, 13 अक्टूबर और 3 नवंबर 2025 को होंगी।
देशनोक में तपस्याओं का ठाठ
साधुमार्गी जैन संघ के आचार्य, उत्क्रांति प्रदाता, आगमज्ञाता आचार्य श्री रामलालजी और उपाध्याय प्रवर राजेश मुनि के सान्निध्य में अनेक श्रावक-श्राविकाएं तपस्याएं कर रहे हैं। अखिल भारतीय साधुमार्गी संघ के अहिंसा प्रचारक महेश नाहटा ने बताया कि पुलकित गुलगुलिया ने 33 उपवास और विजय कुमार सांड ने 18 उपवास की तपस्या शनिवार को पूर्ण की। शनिवार को ही 19 श्रावक-श्राविकाओं ने पांच-पांच दिन की तपस्याएं कीं, और सभी की आगे तपस्याओं को बढ़ाने की भावना है।