ठगी, लूट और हत्या का अनूठा मामला- सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने दिए 45 लाख रुपए

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quicjZaps 15 sept 2025
  • एक करोड़ के 33 करोड़ रुपए बनाने का था झांसा

बीकानेर , 14 जून। बीकानेर के खाजूवाला में ठगी, लूट और हत्या का अनूठा मामला सामने आया है। खास बात ये है कि इस पूरे मामले का सरगना कर्नाटक का रहने वाला ठग है। जिसने एक करोड़ के 33 करोड़ रुपए बनाने का झांसा दिया था। ठगी का शिकार होने वालों में सरकारी अस्पताल का डॉक्टर भी शामिल है, जिसने 45 लाख रुपए दिए। एक अन्य शख्स ने पांच लाख रुपए दिए। ठगी के इस खेल में उन दो युवकों की भी जान चली गई, जो मुख्य सरगना को लेकर खाजूवाला पहुंचे थे।

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ये है घटनाक्रम

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सीओ खाजूवाला अमरजीत सिंह ने बताया कि खाजूवाला में रहने वाले गफ्फार को किसी ने तंत्र विद्या के माध्यम से रुपए बढ़ाने का झांसा दिया था। वो अजमेर के रहने वाले शैतान सिंह और विक्रम सिंह के संपर्क में आया। इन दोनों ने बताया कि कर्नाटक का एम. शिवा एक तांत्रिक है जो एक करोड़ रुपए के 33 करोड़ रुपए कर सकता है। शैतान सिंह ने ये तंत्र क्रिया अजमेर में कराने का प्रयास किया था लेकिन वहां रुपए का जुगाड़ नहीं हो पाया। ऐसे में उसने गफ्फार को इसके लिए तैयार किया। गफ्फार ने इस बारे में खाजूवाला के स्थानीय लोगों से बात की। कुछ लोगों ने रुपए देने का निर्णय कर लिया। ऐसे में खाजूवाला में तंत्र क्रिया करने का निर्णय हो गया।

ऐसे चला घटनाक्रम

जून के पहले सप्ताह में ही पांच जनों के खाजूवाला आने का निर्णय हो गया। ऐसे में दस जून को ही घर की सभी महिलाओं को ये कहते हुए बाहर भेज दिया कि तंत्र विद्या में उनका कोई काम नहीं है।
11 जून को तंत्र क्रिया शुरू हो गई। दिनभर तांत्रिक क्रियाएं चलती रही।
12 जून तक तंत्र क्रिया चली। इस दौरान 12 जून की रात एम. शिवा और उसके साथियों ने प्रसाद तैयार किया। इस प्रसाद का वितरण न सिर्फ गफ्फार को बल्कि उन्हें यहां लाने वाले शैतान सिंह और विक्रम सिंह को भी किया गया। गफ्फार के बेटे सलमान को भी ये ही प्रसाद दिया गया।
देर रात करीब दो बजे प्रसाद देकर एम. शिवा ओर उसके दो साथी रामस्वरूप यहां से फरार हो गए। शैतान सिंह और विक्रम सिंह भी चले गए। ये साथ गए या अलग-अलग गए, इसका पता लगाया जा रहा है।
प्रसाद खाने से सलमान और गफ्फार बेहोश हो गए। सलमान को होश आया तो उसने अपने पिता को बीकानेर के पीबीएम अस्पताल पहुंचाया, जहां गफ्फार की मौत हो गई।
कुछ ही देर बाद पुलिस को सूचना मिली कि शोभासर में एक फॉर्म हाउस के पास दो शव मिले हैं। थोड़ी देर में स्पष्ट हो गया कि ये शव शैतान सिंह और विक्रम सिंह के हैं। दोनों के शव से पुलिस ने मोबाइल और उनकी पर्सनल आईडी बरामद की।
सलमान के बयान पर पुलिस ने 13 जून की रात रामस्वरूप और मनोज को पकड़ लिया। कर्नाटक निवासी एम.शिवा अब भी फरार है।

प्रसाद में दी थी नींद की गोलियां

ठगों ने मिलकर हलवे का प्रसाद बनाया था। इस प्रसाद में नींद की गोलियां डाली गई थी। बड़ी मात्रा में गोलियां डालने के कारण ये मौत का कारण बन गई। सीओ अमरजीत ने बताया कि हो सकता है नींद की गोलियां सिर्फ बेहोश करने के लिए दी गई लेकिन ओवरडोज होने के कारण मौत हो गई। आमतौर पर इस तरह की ठगी में हत्या करने के बजाय बेहोश करने का उद्देश्य होता है।

सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने दिए 45 लाख रुपए

चौंकाने वाला खुलासा ये भी हुआ है कि एक करोड़ रुपए के 33 करोड़ रुपए करने के इस झांसे में 45 लाख रुपए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. पूनाराम के थे। ये जांच का विषय है कि पूनाराम ने भी रुपए 33 गुना बढ़ाने के लिए दिए थे या फिर किसी अन्य काम के लिए दिए थे। सीओ अमरजीत ने बताया कि डॉ. पूनाराम ने ही 45 लाख रुपए दिए थे। बताया जा रहा है कि डॉक्टर ने अपने साले से ये रुपए लेकर गफ्फार को दिए थे। इसके अलावा मेडिकल स्टोर संचालक राजेंद्र पूनिया ने भी पांच लाख रुपए दिए थे।

गफ्फार ने दो बार डबल करवाए

ठगों ने गफ्फार से बड़ी रकम ऐंठने के लिए दो बार रुपए डबल करके दिए थे। बताया जा रहा है कि एक बार उसने शैतान सिंह के माध्यम से ही पचास हजार रुपए दिए तो उसे एक लाख रुपए मिले। बाद में उसने एक लाख रुपए दिए तो उसे दो लाख रुपए वापस मिल गए। इसी कारण उसका विश्वास जम गया और गांव के दो लोगों से पचास लाख रुपए एकत्र कर लिए।

पांचों ठग साथ में रवाना हुए

खाजूवाला में प्रसाद देने के बाद मुख्य सरगना एम. शिवा, शैतान सिंह, विक्रम सिंह, रामस्वरूप और मनोज साथ में रवाना हुए थे। रास्ते में शोभासर गांव के पास कल्ला फॉर्म हाउस के पास शैतान सिंह और विक्रम सिंह की तबीयत बिगड़ गई। फिर उनकी मौत हो गई। इस पर बदमाशों ने उनका शव उठाकर झाड़ियों में फैंक दिया। इसके बाद तीनों वहां से फरार हो गए।

देर रात दो पकड़े गए

इस मामले में देर रात मेड़ता रेलवे स्टेशन से जोधपुर निवासी रामस्वरूप और झारखंड निवासी मनोज को हिरासत में लिया गया। देर रात तक इन्हें नोखा पुलिस थाने में रखा गया। जहां से आज सुबह पुलिस खाजूवाला लेकर पहुंची। जहां इनसे पूछताछ की जा रही है। एम. शिवा इनके साथ नहीं था। ऐसे में आशंका है कि वो किसी दूसरे रास्ते से फरार हुआ है। पुलिस सीसीटीवी कैमरों की मदद से उसका भी पीछा कर रही है।

 

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

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