संबोधि महिला शिविर में महिलाओं ने लिया धर्म-अध्यात्म का ज्ञान, बच्चों का शिविर रविवार को


बीकानेर, 12 जुलाई। गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिन मणि प्रभ सूरीश्वरजी महाराज की आज्ञानुवर्ती गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर म.सा., मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर और बीकानेर की साध्वी दीपमाला श्रीजी व शंखनिधि के सान्निध्य में शनिवार को श्राविकाओं का ‘संबोधि महिला शिविर’ आयोजित किया गया।




धर्म कार्य में विलम्ब सबसे बड़ी बाधा: गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर
शनिवार को संबोधि महिला शिविर में गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि आत्म-परमात्म प्राप्ति, धर्म-ध्यान, साधना-आराधना तथा देव-गुरु की भक्ति में विलम्ब की आदत सबसे बड़ी बाधा व व्यथा है। उन्होंने विलम्ब को महा अज्ञान, झूठ व बुरा बताया, जबकि संसार के पाप कार्यों में विलम्ब को अच्छा कहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि धर्म कार्य में विलम्ब से नुकसान होता है। जो परमात्मा व धर्म से प्रेम करता है, वह आगे बढ़ता है। धर्म का मर्म समझने वाला अपनी मति (बुद्धि) व गति को सुधार लेता है।


सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट व अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे चातुर्मास में शनिवार को ढढ्ढा कोटड़ी में संबोधि महिला शिविर में मुनि व साध्वीवृंद ने सहज व सरल भाषा में आत्म विकास, आत्म शुद्धि एवं धार्मिक मार्ग पर अग्रसर होने के बारे में जानकारी दी। विशेष सत्र में साधना, ध्यान व प्रश्नोत्तर के प्रेरणात्मक कार्यक्रम हुए। शिविर में अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद, महिला परिषद के साथ विभिन्न धार्मिक महिला मंडलों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
नए तपों की शुरुआत
शिविर में अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद इकाई के उपाध्यक्ष कमल चंद सेठिया व धर्मेन्द्र खजांची ने बताया कि गणिवर्य, मुनि व साध्वीवृंद के सान्निध्य में 15 जुलाई से “दाता दत सूरी तप” और 16 जुलाई से “सिद्धि तप” शुरू होगा। संघ के अध्यक्ष अनिल सुराणा ने बताया कि दोनों तपस्याओं के लिए श्रावक-श्राविकाएं नामांकन करवा रही हैं।
बच्चों का शिविर रविवार दोपहर 2 बजे से
रविवार, 13 जुलाई को दोपहर दो बजे से चार बजे तक क्षमा कल्याण वाटिका, ढढ्ढा कोटड़ी में बच्चों का शिविर आयोजित किया जाएगा। आयोजकों ने प्रवचन व शिविर में सामायिक के शुद्ध वस्त्र पहनकर आने का आग्रह किया है। शिविर स्थल पर 10-15 मिनट पहले पहुंचने वाले बच्चों को कूपन दिया जाएगा, जिससे ड्रा निकाला जाएगा और बच्चों के लिए गेम्स भी खेले जाएंगे। ये दोनों शिविर चातुर्मास काल के प्रत्येक शनिवार व रविवार को आयोजित होंगे।