बीकानेर में सिद्धि तप प्रारंभ, गणिवर्य ने अवगुण दूर करने का दिया संदेश


बीकानेर, 18 जुलाई। गच्छाधिपति आचार्य प्रवर श्री जिन मणि प्रभ सूरीश्वरजी महाराज के आज्ञानुवर्ती गणिवर्य श्री मेहुल प्रभ सागर , मंथन प्रभ सागर, बाल मुनि मीत प्रभ सागर, बीकानेर की साध्वी दीपमाला श्रीजी व शंखनिधि के सान्निध्य में शुक्रवार को सिद्धि तप की साधना और आराधना शुरू हुई। यह तपस्या 45 दिन चलेगी, जिसमें एक से आठ दिन तक उपवास किया जाएगा। भय मुक्ति से भव मुक्ति: गणिवर्य का संदेश- गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर म.सा. ने शुक्रवार को अपने प्रवचन में कहा कि अरिहंत और तीर्थंकर परमात्मा का अनन्य भक्त कभी डरता नहीं, बल्कि दृढ़ रहता है। परमात्मा के चरणों की शरण लेने वाले भक्त को अभय ज्ञान, चक्षु ज्ञान और मार्ग का ज्ञान प्राप्त होता है। अनंतगढ़ सूत्र में बताया गया है कि परमात्मा पर हृदय से विश्वास करने से बोधि ज्ञान स्वतः ही आ जाता है। उन्होंने आगे कहा कि ज्ञानावरणीय कर्म केवल ज्ञान तक रहता है। परमात्मा की करुणा, जगत के सभी जीवों के कल्याण की भावना, और सुखी रहने का चिंतन करने से ज्ञानावरणीय कर्मों का क्षय होता है। गणिवर्य ने देव, गुरु और धर्म के प्रति अच्छे भाव रखने तथा अपने अवगुणों व दोषों को दूर करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जो अंतर से भय मुक्त होता है, वही भव मुक्त होता है।




महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष शिविर- संबोधि महिला शिविर:
सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट और श्री संघ के सहयोग से अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद व महिला परिषद की बीकानेर इकाई की ओर से शनिवार (19 जुलाई) को दोपहर 2 से 4 बजे तक क्षमा कल्याण वाटिका, ढ्ढ्ढा कोटड़ी में गणिवर्य और साध्वीवृंद के सान्निध्य में संबोधि महिला शिविर आयोजित किया जाएगा। अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद की बीकानेर इकाई की अध्यक्ष मनीषा खजांची और मंत्री लीला बेगानी ने बताया कि शिविर में आत्म विकास, आत्म शुद्धि और धार्मिक मार्ग पर अग्रसर होने के लिए साधना, ध्यान, प्रश्नोत्तर और प्रेरणादायक कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।


संबोधि बालक-बालिका शिविर
खजांची और बेगानी ने बताया कि रविवार (20 जुलाई) को ढ्ढ्ढा कोटड़ी में ही संबोधि बालक-बालिका शिविर आयोजित किया जाएगा। इस शिविर में धर्म, संस्कार और अनुशासन, शिखा, खेल, ज्ञानवर्धक गतिविधियाँ और प्रेरणादायक सत्र, ध्यान, भक्ति, गीत व श्लोक, तथा जैन धर्म ज्ञान की प्रतियोगिताएँ होंगी।