राजस्थानी साहित्य भूषण सम्मान: वरिष्ठ साहित्यकार मनोज स्वामी को 1 लाख रुपये से नवाजा जाएगा



श्रीडूंगरगढ, 16 अगस्त। राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए लगातार आंदोलन कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार मनोज स्वामी को गुणीजन सम्मान समारोह समिति, श्रीडूंगरगढ की ओर से 24 अगस्त (रविवार) को 1 लाख रुपये का राजस्थानी साहित्य भूषण सम्मान प्रदान किया जाएगा।




संवाद कार्यक्रम और मान्यता आंदोलन पर चर्चा
इस अवसर पर “छैकड़ राजस्थानी नै मान्यता कियां मिलै?” (आखिर राजस्थानी को मान्यता कैसे मिले?) विषय पर एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसे वरिष्ठ साहित्यकार श्याम महर्षि, डॉ. मदन सैनी, सत्यदीप, बजरंग सेवग, श्रीभगवान सैनी और विजय महर्षि संबोधित करेंगे। इस दौरान सम्मानित साहित्यकार मनोज स्वामी राजस्थानी भाषा मान्यता आंदोलन पर अपने अनुभव साझा करेंगे।


मनोज स्वामी का साहित्यिक और सांस्कृतिक योगदान
समिति के संयोजक डॉ. चेतन स्वामी ने बताया कि साहित्यकार मनोज स्वामी ने क्रांतिकारी ढंग से राजस्थानी भाषा मान्यता का मोर्चा संभाला हुआ है। इसके साथ ही, उन्होंने राजस्थानी को लोकप्रिय बनाने के लिए पहली बार राजस्थानी भाषा में रामलीला जैसा सांस्कृतिक प्रयोग शुरू किया, जो कई वर्षों से सफलतापूर्वक चल रहा है। वे चालीस वर्षों से राजस्थानी की स्वतंत्र पत्रकारिता भी कर रहे हैं। उनके समग्र साहित्यिक अवदान को ध्यान में रखकर संस्था यह सम्मान समारोह आयोजित कर रही है।
पुरस्कार और समारोह स्थल
संस्थाध्यक्ष लॉयन महावीर माली ने बताया कि राजस्थानी साहित्य भूषण पुरस्कार के अंतर्गत मनोज स्वामी को एक लाख रुपये की राशि, शॉल, श्रीफल और सम्मान-पत्र समर्पित किया जाएगा। संस्था के पदाधिकारी विजय महर्षि ने बताया कि सम्मान कार्यक्रम 24 अगस्त को प्रातः 11 बजे स्थानीय राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति के सभागार में आयोजित किया जाएगा।