इतिहास समाज की सामूहिक स्मृति है- डॉ. नितिन गोयल



बीकानेर, 27 सितंबर । अजित फाउण्डेशन द्वारा आयोजित मासिक संवाद की कड़ी में इतिहासवेता एवं वरिष्ठ अनुसंधान अधिकारी डॉ. नितिन गोयल ने “इतिहास और उसके स्त्रोतों की प्रासंगिकता: लोकप्रिय या यथोचित” विषय पर अपना उद्बोधन दिया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इतिहास समाज की सामूहिक स्मृति है और इसे पढ़ने से अच्छे सामाजिक व नैतिक मूल्य विकसित होते हैं।
इतिहास का महत्व और उसकी प्रासंगिकता
डॉ. गोयल ने इतिहास के ज्ञान की आवश्यकता और उसके प्रभाव पर प्रकाश डाला:
शिक्षा और प्रशिक्षण: उनके अनुसार, इतिहास का ज्ञान सही अर्थों में शिक्षा और राजनीतिक जीवन के लिए प्रशिक्षण है।
पहचान का प्रमाण: व्यक्तिगत और सामाजिक पहचान की भावना हमारे इतिहास का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
मूल्यों का विकास: इतिहास का ज्ञान हमें अतीत के प्रति श्रद्धा और राष्ट्र से जुड़ाव की भावना की ओर उन्मुख करता है। ऐतिहासिक घटनाओं को समझने से निष्ठा, दृढ़ता, जनकल्याण, और समरसता जैसे मूल्यों को आत्मसात करने में मदद मिलती है।
स्त्रोत आधारित अध्ययन: डॉ. गोयल ने चेतावनी दी कि वर्तमान में फिल्म जगत या सोशल मीडिया के माध्यम से इतिहास के जिस रूप को प्रस्तुत किया जाता है, उसे अपनाने से पहले उसका स्त्रोत आधारित अध्ययन करना आवश्यक है।
अतीत बोध और अक्षुण्ण जानकारी
कार्यक्रम की अध्यक्ष्यता करते हुए इतिहासविज्ञ डॉ. सुनीता स्वामी ने कहा कि इतिहास केवल घटनाओं का क्रम नहीं होता, बल्कि उसमें अतीत बोध की मूल्यवान जानकारी सम्मिलित होती है। उन्होंने कहा कि इतिहास ही हमें तत्कालीन समाज एवं शासन की गतिविधियों का सारगर्भित परिचय करवाता है। उनके अनुसार, इतिहास में पुरातात्विक, अभिलेखागारीय एवं मौखिक स्त्रोतों से ही स्वीकार योग्य अक्षुण्ण जानकारी प्राप्त होती है। संस्था कार्यक्रम समन्वयक संजय श्रीमाली ने शहर के इतिहास को जानने की प्रेरणा देते हुए कहा कि जब हम अपने आस-पास बिखरे इतिहास को जानेंगे, तभी हमें देश एवं काल के इतिहास को जानने की प्रेरणा मिलेगी। कार्यक्रम के अंत में मोहम्मद फारूक चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया।





