गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर ने कहा नयनों में सिद्ध परमात्मा को बसाएं



बीकानेर, 8 अक्टूबर। गणिवर्य मेहुल प्रभ सागर ने बुधवार को रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में अपने चातुर्मासिक प्रवचन में जैन धर्म के पंच परमेष्ठी (अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु भगवंत) के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पंच परमेष्ठी महान आत्माएँ हैं, जिन्होंने कर्मों को नष्ट कर मोक्ष का मार्ग दिखाया है।
इंद्रियों के सदुपयोग पर जोर
गणिवर्य ने कहा कि परम पुण्योदय से हमें मनुष्य भव और संस्कारी परिवार मिला है, लेकिन इंद्रियों के दुरुपयोग से हमारा संसार परिभ्रमण चालू है।
कान: उन्होंने कहा कि हमें निंदा और विकथा सुनने के बजाय कान से परमात्मा वाणी श्रवण कर उन्हें पवित्र करना चाहिए।
आँखें: उन्होंने कहा कि हमें विकार उत्पन्न करने वाले दृश्यों को त्यागकर, निर्विकारी सिद्ध परमात्मा के दर्शन करने चाहिए और उन्हें अपने नयन युगल में बसाकर मन को पवित्र करना चाहिए, तभी सिद्ध परमात्मा की हमारे हृदय में प्रतिष्ठा होगी।




श्री वीर गौतम आराधना
खरतरगच्छ महिला परिषद की मंत्री लीला बेगानी ने बताया कि श्री वीर गौतम आराधना 22 अक्टूबर 2025 से शुरू होगी। इसमें ऑनलाइन पंजीयन करवाकर घर बैठे साधना-आराधना व भक्ति कर ₹21 हज़ार से ₹1 लाख 71 हज़ार तक का इनाम प्राप्त किया जा सकता है। पंजीयन के लिए रांगड़ी चौक के उपासरे में लगे पोस्टर पर दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन किया जा सकता है।



