बीकानेर में पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार, एलडीसी ने जियो टैगिंग के लिए मांगे पैसे, निलंबित



बीकानेर, 15 अक्टूबर। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत बीकानेर की ग्राम पंचायत कल्याणसर अगुणा में जियो टैगिंग के दौरान भ्रष्टाचार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। स्थानीय एलडीसी मीना जैन पर ग्रामीणों से जियो टैगिंग के लिए “खर्चा-पानी” के नाम पर पैसे मांगने का आरोप लगा है। इस घटना का एक वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मीना जैन को निलंबित कर दिया है।




क्या है मामला?



मीना जैन, जो ग्राम पंचायत कल्याणसर अगुणा में कार्यरत थीं, को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकानों की जियो टैगिंग का जिम्मा सौंपा गया था। वायरल वीडियो में वे ग्रामीणों से दूर से आने का हवाला देकर 2,000 रुपये की मांग करती दिख रही हैं। जब एक ग्रामीण ने पैसे देने में असमर्थता जताई और कहा कि दीवाली के बाद पैसे मिलने पर भुगतान कर देंगे, तो जैन ने राशि घटाकर 1,000 रुपये कर दी। इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
वीडियो सामने आने के बाद बीकानेर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोहनलाल (IAS) ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 के नियम 16 के तहत मीना जैन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में जैन को बीकानेर जिला परिषद मुख्यालय में रहना होगा और उन्हें वेतन के स्थान पर केवल निर्वाह भत्ता मिलेगा। साथ ही, मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं। विकास अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि जैन के सेवा रिकॉर्ड में इस निलंबन को दर्ज किया जाए, ताकि भविष्य में कठोर कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
जियो टैगिंग का महत्व
प्रधानमंत्री आवास योजना में पारदर्शिता और गड़बड़ी रोकने के लिए जियो टैगिंग की व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत मोबाइल के माध्यम से मकान की भौगोलिक स्थिति और निर्माण प्रगति का ऑनलाइन रिकॉर्ड दर्ज किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि आवंटित राशि सही मकान के लिए उपयोग हो रही है और दोहरा भुगतान या धोखाधड़ी नहीं हो सकती।
जनता में आक्रोश
ग्रामीणों ने इस घटना पर गहरा रोष जताया है। उनका कहना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बार-बार रिश्वत की मांग आम लोगों को परेशान करती है। इस मामले ने एक बार फिर सरकारी तंत्र में पारदर्शिता की कमी को उजागर किया है।
आगे क्या?
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। मीना जैन के खिलाफ जांच पूरी होने के बाद और कठोर कदम उठाए जा सकते हैं। इस घटना ने अन्य अधिकारियों के लिए भी एक चेतावनी का काम किया है कि सरकारी योजनाओं में किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

