लोक चेतना की प्रहरी ‘राजस्थली’ का स्वर्ण जयंती वर्ष, बाल दिवस से जनजागरण अभियान शुरू



बीकानेर/श्रीडूंगरगढ़, 15 अक्टूबर । भाषा, साहित्य, संस्कृति, कला, इतिहास और शोध से जुड़ी राजस्थानी त्रैमासिकी ‘राजस्थली’ अपने स्वर्ण जयंती वर्ष के आयोजनों में कई नवाचार कर रही है। राजस्थानी भाषा के प्रचार-प्रसार और लोक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए, अब बच्चों को संस्कारित एवं पोषित किया जाएगा।
बाल दिवस से जनजागरण और नवाचार
राजस्थली के प्रधान संपादक श्याम महर्षि ने बताया कि 14 नवम्बर (बाल दिवस) से जनजागरण अभियान चलाया जाएगा, जिसमें प्रभात फेरियाँ और रैलियाँ भी निकाली जाएँगी। राजस्थली के प्रबंध सम्पादक रवि पुरोहित ने बताया कि राजस्थानी भाषा से नई पीढ़ी को जोड़ने के लिए देश में पहली बार एक अनूठी पहल की जा रही है।




राजस्थानी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता
इस अनूठी पहल के तहत, 16 नवम्बर को संस्कृति भवन श्रीडूंगरगढ़ में कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए एक राजस्थानी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।



पुरस्कार योजना: यह प्रतियोगिता कला डूंगर कल्याणी स्मृति राजस्थानी बाल साहित्य सम्मान योजना के तहत होगी।
केन्द्रित कृति: प्रतियोगिता विमला नागला की पुरस्कृत एवं प्रकाशित कृति ‘बातां री मुळक’ पर केन्द्रित होगी।
पात्रता: श्रीडूंगरगढ़ तहसील क्षेत्र के निजी व सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी इसमें भाग ले सकेंगे।
समन्वय: प्रतियोगिता की समन्वयक श्रीमती भगवती पारीक ‘मनु’ और प्रबंधक श्रीमती सरोज शर्मा को मनोनीत किया गया है।
समन्वयक मनु ने बताया कि राजस्थानी की समृद्ध विरासत को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का यह प्रयास बागेश्वरी साहित्य, कला, सांस्कृतिक विरासत संस्था, बीकानेर के सहयोग से किया जा रहा है। प्रबंधक सरोज शर्मा ने बताया कि प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को नगद पारितोषिक के साथ सम्मान पत्र से पुरस्कृत किया जाएगा।
इच्छुक प्रतिभागी समन्वयक या प्रबंधक से सम्पर्क कर विवेच्य पुस्तक की निःशुल्क प्रति प्राप्त कर सकते हैं। एक विद्यालय से अधिकतम 3 प्रतिभागी ही प्रतियोगिता में शामिल हो सकेंगे। प्रतियोगिता हेतु 30 अक्टूबर तक आवेदन किया जा सकता है।

