भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा? ट्रंप का दावा, लेकिन भारत की ओर से कोई पुष्टि नहीं

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quicjZaps 15 sept 2025

नई दिल्ली/वाशिंगटन, 16 अक्टूबर 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (15 अक्टूबर) को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से कच्चे तेल की खरीद जल्द ही बंद कर देगा। ट्रंप ने इसे यूक्रेन युद्ध में रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की दिशा में “बड़ा कदम” बताया, लेकिन भारत सरकार की ओर से इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने बयान जारी कर कहा कि भारत ऊर्जा सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों के आधार पर निर्णय लेता है, और अमेरिका के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने पर चर्चा चल रही है।

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ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “मैं भारत के रूस से तेल खरीदने से खुश नहीं था, क्योंकि इससे रूस को यूक्रेन में ‘हास्यास्पद युद्ध’ जारी रखने की ताकत मिलती है। मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं, और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह तुरंत नहीं हो सकता, थोड़ी प्रक्रिया है, लेकिन जल्द ही पूरा हो जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि अगला लक्ष्य चीन को भी ऐसा करने के लिए राजी करना है, जो रूस का दूसरा बड़ा तेल खरीदार है।

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ट्रंप के दावे का पृष्ठभूमि: अमेरिकी दबाव और टैरिफ
यह दावा ऐसे समय आया है जब अमेरिका और भारत के बीच रूस से तेल खरीद को लेकर तनाव चरम पर है। यूक्रेन युद्ध (फरवरी 2022 से जारी) के बाद भारत ने रूस से तेल आयात को बढ़ा दिया था, जो पहले महज 1% से कम था। 2025 में यह हिस्सा 35-40% तक पहुंच गया, क्योंकि रूस ने पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण तेल पर भारी छूट (डिस्काउंट) दी। इससे भारत को वैश्विक ऊर्जा संकट में सस्ता ईंधन मिला, और तेल कीमतें स्थिर रहीं।
ट्रंप प्रशासन ने इसे रूस को फंडिंग उपलब्ध कराने का माध्यम माना। अगस्त 2025 में ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया, जो कुल 50% हो गया। इसका कारण रूस से तेल खरीद बताया गया। ट्रंप ने कहा था कि अगर रूस यूक्रेन के साथ शांति समझौता नहीं करता, तो खरीदार देशों पर 100% टैरिफ लगाएंगे।
जुलाई-अगस्त 2025 में भारत की सरकारी तेल कंपनियां (IOC, BPCL, HPCL) ने रूसी तेल की स्पॉट खरीद (ओपन मार्केट) रोक दी थी, लेकिन लॉन्ग-टर्म कॉन्ट्रैक्ट्स जारी रहे। सितंबर 2025 में आयात 32% घटा (6.05 लाख बैरल प्रति दिन), लेकिन कुल मिलाकर रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है।
भारत का रुख: ऊर्जा सुरक्षा पहले
भारत ने हमेशा कहा है कि रूस से तेल खरीद राष्ट्रीय हित में है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जुलाई 2025 में कहा, “हम वैश्विक ऊर्जा बाजार को स्थिर रखने के लिए खरीद रहे हैं। अगर हमने न खरीदा होता, तो तेल कीमतें 130 डॉलर प्रति बैरल पहुंच जातीं।” MEA ने ट्रंप के दावे पर कहा, “हम हर विकल्प पर नजर रखते हैं, लेकिन फैसले ऊर्जा सुरक्षा और व्यावसायिक हितों से प्रेरित होते हैं।” सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया कि कोई सरकारी दबाव नहीं है; बाजार की स्थितियां (छूट कम होना) ही आयात घटाने का कारण हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का दावा अतिशयोक्ति हो सकता है। ब्रह्मा चेलानी जैसे विश्लेषक कहते हैं, “ट्रंप तथ्यों को गढ़ने में माहिर हैं। यूरोप अभी भी रूस से ऊर्जा खरीद रहा है, फिर भारत को कैसे निर्देशित करेंगे?”

अगर खरीद बंद हुई तो क्या असर?

भारत पर: आयात बिल 9-12 अरब डॉलर बढ़ सकता है (SBI रिसर्च)। पेट्रोल-डीजल कीमतें 10-15% महंगी हो सकती हैं। भारत अमेरिका, ब्राजील, लीबिया, मिडिल ईस्ट (सऊदी, UAE) से वैकल्पिक खरीद बढ़ा सकता है।
रूस पर: भारत 1.7 मिलियन बैरल/दिन (रूस के कुल निर्यात का 50%) खरीदता है। बंद होने से रूस की कमाई घटेगी, लेकिन चीन (1.1 मिलियन बैरल/दिन) इसे अवशोषित कर सकता है।
वैश्विक बाजार: तेल कीमतें (ब्रेंट) 1% बढ़कर 62.48 डॉलर/बैरल पहुंचीं। अगर भारत-चीन दोनों बंद करें, तो कीमतें 10-20% उछल सकती हैं।

मोदी ट्रंप से “भयभीत” हैं ?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी ने डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। उनका आरोप है कि मोदी ट्रंप से “भयभीत” हैं और उन्होंने निजी फायदे के लिए भारत के सम्मान और विदेश नीति से समझौता करके रूस के साथ अपने रिश्ते बिगाड़ लिए हैं।

 

राहुल गांधी ने मोदी पर हमला बोला

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “ट्रंप से डरे हुए हैं”। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर कि भारत रूसी तेल खरीदना बंद करने पर सहमत हो गया है, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप की उपेक्षा (शुल्क और भारत-पाकिस्तान युद्धविराम के दावों पर) के बावजूद उन्हें बधाई संदेश (एक्स पर) लिखते रहे। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने “वित्त मंत्री की अमेरिका यात्रा रद्द कर दी” और “ऑपरेशन सिंदूर पर उनका विरोध नहीं करते हैं।”

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर बहस छिड़ी हुई है। कुछ यूजर्स ट्रंप को “झूठा” बता रहे हैं, जबकि अन्य भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की सराहना कर रहे हैं। एक पोस्ट में लिखा, “ट्रंप की उम्र का असर दिख रहा है, भारत रूस का सच्चा दोस्त है।” एक अन्य ने कहा, “यह झूठ है, भारत अमेरिकी चाकरी नहीं करेगा।”
भारत की विदेश नीति रणनीतिक स्वायत्तता पर टिकी है, और रूस के साथ ऐतिहासिक संबंध मजबूत हैं। ट्रंप का दावा सच्चा साबित होता है या नहीं, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। फिलहाल, भारत ऊर्जा विविधीकरण पर जोर दे रहा है।

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

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