विद्यालय सौंदर्यीकरण अभियान से राजस्थान ने रचा इतिहास, दीपोत्सव में सरकारी स्कूल एकरूपता से जगमगाए



जयपुर, 23 अक्टूबर । मुख्यमंत्री की अभिनव पहल के अंतर्गत राजस्थान के समस्त सरकारी विद्यालयों में संचालित विद्यालय सौंदर्यीकरण एवं कायाकल्प अभियान ने इस वर्ष एक ऐतिहासिक आयाम जोड़ा है। दीपोत्सव के दौरान प्रदेश के राजकीय विद्यालय पहली बार एकरूप रंगों और लाइटिंग से जगमगा उठे, जिससे राज्य के शिक्षा इतिहास में एक नई परंपरा की शुरुआत हुई है। इस अभियान के तहत प्रदेश के 91.7 प्रतिशत राजकीय विद्यालयों में रंगाई-पुताई एवं सौंदर्यीकरण का कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया है।




मिशन मोड में पूर्ण हुआ रंगरोगन का कार्य, निर्धारित की गई एकरूप रंग योजना



अभियान का प्राथमिक उद्देश्य दीपावली से पूर्व सभी राजकीय विद्यालयों में रंगरोगन का कार्य पूर्ण करना था। इसके लिए समस्त राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (जीएचएसएस) और राजकीय उच्च प्राथमिक एवं प्राथमिक विद्यालयों (जीयूपीएस/जीपीएस) के लिए एक विशिष्ट रंग योजना (कलर कोड) निर्धारित की गई। निदेशालय के भवन अनुभाग द्वारा नियंत्रण कक्ष स्थापित कर, शासन सचिव और निदेशक महोदय के मार्गदर्शन में सघन अनुश्रवण और दैनिक प्रगति समीक्षा के माध्यम से इस कार्य को मिशन मोड में समयबद्ध रूप से पूरा किया गया।
पहली बार पूरे दीपोत्सव में रोशनी से सजे विद्यालय, बने सामुदायिक गौरव के प्रतीक
इस वर्ष अभियान में एक नई ऐतिहासिक पहल जोड़ी गई — दीपोत्सव के दौरान राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों को रोशनी से सजाने की शुरुआत की गई। 18 अक्टूबर से शुरू हुई यह लाइटिंग व्यवस्था संपूर्ण दीपोत्सव (23 अक्टूबर) तक लगातार जारी रही। इस अवधि में स्कूल परिसर रोशनी से जगमगाते रहे, जिसने उन्हें केवल शिक्षा के केंद्र नहीं, बल्कि उत्सव और समुदाय के गौरव के प्रतीक बना दिया। रंग योजना के तहत प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में Coral Room (K243) हल्का रंग और Copper (0587) गहरा रंग; जबकि उच्च माध्यमिक विद्यालयों में Coral Beach (7969) हल्का रंग और Copper (0587) गहरा रंग निर्धारित किया गया।
जनभागीदारी से बना जन आंदोलन, बालोतरा और भरतपुर ने शत-प्रतिशत लक्ष्य किया प्राप्त
इस ऐतिहासिक उपलब्धि में बालोतरा और भरतपुर जिलों ने शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। शेष विद्यालयों में रंगाई-पुताई का कार्य 5 नवम्बर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। अभियान की सबसे बड़ी विशेषता इसकी व्यापक जनभागीदारी रही। विद्यालय प्रबंधन समितियों, जनप्रतिनिधियों, समुदायों और स्वैच्छिक संगठनों ने सक्रिय सहयोग देकर इसे एक सफल जन आंदोलन का रूप दिया। मुख्यमंत्री की यह पहल विद्यालयों के भौतिक स्वरूप में अभूतपूर्व परिवर्तन लाने के साथ-साथ शिक्षा के प्रति समुदाय में विश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण को सुदृढ़ कर रही है। राजस्थान ने इस पहल के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त मानक स्थापित किया है।

