पुलिस का रोहित गोदारा गैंग पर शिकंजा: संगठित अपराध के तहत


- थानाधिकारियों ने दर्ज किए मामले, दो FIR में 29 नामजद
बीकानेर, 11 नवंबर। रंगदारी और फिरौती की डिमांड करने के मामलों में पुलिस ने गैंगस्टर रोहित गोदारा गैंग पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पिछले एक महीने में पुलिस ने स्वयं थानाधिकारियों की ओर से रोहित गोदारा और उसके साथियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में मामले दर्ज किए हैं।
सदर थाने में नई FIR
मंगलवार को सदर थाना प्रभारी दिगपाल सिंह ने अपने ही थाने में रोहित गोदारा सहित पाँच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। नामजद आरोपियों में जीतेंद्र चारण उर्फ जीतू, वीरेंद्र चारण, सुरेश बिश्नोई उर्फ शिकारी और रोहित राणा शामिल हैं।



मुख्य आरोप: रोहित राणा पर आरोप है कि उसने सुखदेव चायल के घर के आसपास पहले रैकी की और बाद में इसकी सूचना रोहित गोदारा गैंग को दी, जिसके बाद चायल से रंगदारी मांगी गई थी। पुलिस की छानबीन में रोहित राणा द्वारा रैकी और गैंग को सूचना देने की पुष्टि हुई है।



जाँच अधिकारी: इस मामले की जाँच अब जयनारायण व्यास कॉलोनी के थानाधिकारी विक्रम तिवाड़ी को सौंपी गई है।
संगठित अपराध और सिंडिकेट
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 111 के तहत ये मामले दर्ज किए हैं, जो संगठित अपराध और सिंडिकेट बनाकर अपराध करने से जुड़ी धाराएं हैं। इन अपराधों में अधिकांश में पाँच साल तक की सज़ा और पाँच लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
कोटगेट थाने में पहली FIR
इससे पहले, 14 अक्टूबर को कोटगेट थाने में भी एक एफआईआर दर्ज की गई थी। यह एफआईआर डॉ. श्याम अग्रवाल को धमकी देने के मामले की जाँच के आधार पर की गई थी, जिसमें रोहित गोदारा सहित 24 लोगों को नामजद किया गया था। इस प्रकार, अब तक गोदारा गैंग पर दो एफआईआर में कुल 29 लोगों को नामजद किया जा चुका है, हालांकि अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
पुलिस स्वयं क्यों दर्ज कर रही मामले ?
आमतौर पर पीड़ित व्यक्ति ही मामला दर्ज करवाता है, लेकिन रोहित गोदारा गैंग ने पिछले कुछ महीनों में डॉ. श्याम अग्रवाल, पीयूष शंगारी और सुखदेव चायल जैसे कई लोगों से धमकी देकर रंगदारी मांगी थी। ऐसे में, गैंग पर सख्ती करने और संगठित अपराध को तोड़ने के लिए पुलिस ने स्वयं इन मामलों में एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया है।








