स्वर्ण श्रृंगार, छप्पन भोग और हजारों दीपों की रौशनी में संपन्न हुआ काल भैरवाष्टमी महोत्सव


बीकानेर, 12 नवंबर। नत्थूसर गेट के बाहर गोकुल सर्किल स्थित सूरदासाणी पंचायत बगेची में चल रहे त्रिदिवसीय काल भैरवाष्टमी महोत्सव का समापन बुधवार को भक्ति, आस्था और अपार उल्लास के साथ हुआ।
विशेष श्रृंगार और अभिषेक
महोत्सव के तीसरे और अंतिम दिन, प्रातःकाल वैदिक मंत्रोच्चार के बीच तेलाभिषेक एवं पंचगव्य अभिषेक संपन्न हुआ। सायंकाल, कोंडाणा भैरूं जी का विशेष श्रृंगार किया गया, जबकि सियाणा भैरूं जी का स्वर्ण श्रृंगार किया गया, जिसने मंदिर प्रांगण का दृश्य अलौकिक और मनमोहक बना दिया।



भोग, प्रसाद और पूजन
छप्पन भोग: भैरव जी को छप्पन भोग अर्पित किए गए और श्रद्धालुओं में मेवायुक्त राबड़िये का प्रसाद वितरित किया गया।
सजावट: मंदिर परिसर को रंगीन गुब्बारों, पुष्पों और हजारों दीपों की रौशनी से आकर्षक रूप से सजाया गया।
पाठ एवं पूजन: कार्यक्रम प्रभारी राजकुमार पुरोहित ने बताया कि त्रिदिवसीय महोत्सव के दौरान वेद पाठी ब्राह्मणों द्वारा किए जा रहे 11,000 भैरूं जी के पाठ सफलतापूर्वक संपन्न हुए।



बटुकों का पूजन: आरती के पश्चात 201 नन्हे-मुन्ने बटुकों और जोगणियों का पूजन कर उन्हें उपहार अर्पित किए गए।
भक्तिमय माहौल
भक्तों ने आरती, पाठ और पूजा-अर्चना में भाग लेकर भैरव जी से सुख-समृद्धि एवं मंगल की कामनाएँ कीं। भजन संध्या में “चक मक करतो बण्यो रे चूरमो” जैसे भजनों पर श्रद्धालु भावविभोर होकर झूम उठे। अध्यक्ष शंकर पुरोहित ने बताया कि इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन लाभ के लिए पहुंचे। सह-आयोजक गणपत पुरोहित ने कहा कि वैदिक विधि से संपन्न महाअभिषेक और भव्य श्रृंगार ने पूरे वातावरण में दिव्यता का संचार किया। आयोजन को सफल बनाने में कैलाश पुरोहित, अजय पुरोहित, विनय पुरोहित, करनीदान व्यास सहित अनेक श्रद्धालुओं ने सक्रिय भूमिका निभाई।








