ख्वाजा पीर महबूब बख्श चिश्ती (रह0) का उर्स मुबारक संपन्न: कुल की रस्म में जायरीन का सैलाब उमड़ा


बीकानेर, 23 नवंबर । ख्वाजा पीर महबूब बख्श चिश्ती (रह0) का उर्स मुबारक रविवार की शाम मोहल्ला चूनगरान मस्जिद में ‘कुल की रस्म’ के साथ संपन्न हो गया। उर्स के समापन पर देश में अमन, चैन और खुशहाली के लिए विशेष दुआ की गई, जिसमें जायरीन (श्रद्धालुओं) का सैलाब उमड़ा। इस दौरान जायरीन पर पवित्र जल का छींटा दिया गया तथा संदल और शीरनी बांटी गई।
कुल की रस्म और भाव विभोर मनकबत
कुल की रस्म में सज्जादानशीन पीर गुलाम अल्लाह बख्श चिश्ती ने चिश्ती बाबा का शिजरा पढ़ा। मस्जिद के इमाम कारी पीर मोहम्मद साबिर चिश्ती ने फातेहा पढ़ी, और कारी सैयद शोहेब हुसैन चिश्ती ने मुल्क में अमन चैन की दुआ की। चिश्ती परिवार के गणमान्यों, जिनमें पीर हाफिजुल्लाह चिश्ती और पीरजादा मुहम्मद सलीम चिश्ती शामिल थे, ने कार्यक्रम में शिरकत की। मोहल्ले की मिलाद पार्टी के अली मोहम्मद चिश्ती और हाजी अहमद हसन कादरी पार्टी ने मनकबत सुनाकर माहौल को भाव विभोर कर दिया, खासकर मनकबत “लाखो इमाम देखे हमने अब्बास-लाखो में एक ही है महबूब बख्श चिश्ती” को खूब सराहा गया। उर्स के समापन पर चिश्ती बाबा के मजार पर चादर और अकीदत के फूल चढ़ाकर अमन की दुआ मांगी गई।



राज्य स्तरीय मुशायरे में रूहानी कलाम पेश
उर्स मुबारक के अवसर पर मोहल्ला चूनगरान में एक राज्य स्तरीय तरही मुशायरा भी आयोजित किया गया। मुशायरे का तरही मिसरा था: “हम पे गर आपकी हो जाए इनायत चिश्ती।”
सज्जादानशीन पीर गुलाम अल्लाह बख्श चिश्ती की सदारत में आयोजित मुशायरे में स्थानीय शायरों के साथ जोधपुर और कोटा से आए शायरों ने चिश्ती बाबा की शान में रूहानी कलाम पेश किए। डॉ. ज़िया उल हसन कादरी ने मुहब्बत की जरूरत पर, वरिष्ठ शायर जाकिर अदीब ने उम्दा मनकबत सुनाकर, और जोधपुर से आए डॉ. निसार राही ने दाद हासिल की। कोटा के शायर फानी जोधपुरी ने भारत के फलने-फूलने की दुआ मांगी, जबकि बुनियाद हुसैन जहीन ने नफरत मिटाकर मुहब्बत बढ़ाने की बात कही। करीब तीन घंटे तक चले इस मुशायरे का संचालन इमदाद उल्लाह बासित ने तरन्नुम में कलाम सुनाकर किया, जिससे माहौल में नया रंग भर गया।











