राज्यपाल ने साहित्यकार रवि पुरोहित को किया सम्मानित


- साहित्य का मूल तत्व सबका हित साधना’- हरिभाऊ बागड़े
लालसोट/बीकानेर, 21 दिसम्बर। पीएमश्री अशोक शर्मा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित भव्य ‘अखिल भारतीय अनुराग साहित्य अलंकरण समारोह’ में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने साहित्य की शक्ति और समाज निर्माण में उसकी भूमिका पर विशेष बल दिया। अनुराग सेवा संस्थान के 31 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस समारोह में राज्यपाल ने देश के विभिन्न राज्यों से आए 31 चयनित साहित्यकारों को सम्मानित किया। इस अवसर पर बीकानेर के वरिष्ठ साहित्यकार रवि पुरोहित को उनकी चर्चित काव्य कृति ‘आग अभी शेष है’ के लिए प्रतिष्ठित ‘शकुंतला देवी रावत स्मृति अनुराग साहित्य सम्मान’ से नवाजा गया।


समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल बागड़े ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है जो विद्रूपताओं को मिटाकर नई दिशा प्रदान करता है। उन्होंने कबीर, रहीम और मैथिलीशरण गुप्त जैसे महान कवियों का उदाहरण देते हुए कहा कि साहित्यकार का नैतिक दायित्व है कि वह नव-सृजन और संस्कृति को नई दृष्टि दे। राज्यपाल ने आधुनिक साहित्यकारों का आह्वान किया कि वे देश के उस विकृत इतिहास को सुधारने का बीड़ा उठाएं जिसे विदेशियों ने अपनी सुविधानुसार लिखा था। उन्होंने स्पष्ट किया कि साहित्य वही है जिसमें सबका हित निहित हो।


सम्मान ग्रहण करने के पश्चात साहित्यकार रवि पुरोहित ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि पुरस्कार केवल मान नहीं, बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी का विस्तार है। उन्होंने साहित्य को मानसिक और बौद्धिक विकास का बीज बताते हुए कहा कि यह वर्तमान की सच्चाइयों को उजागर कर भविष्य की राह सुझाता है। इस अवसर पर विधायक रामविलास मीणा और नगर परिषद सभापति पिंकी चतुर्वेदी सहित बड़ी संख्या में प्रशासनिक अधिकारी और साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे। सभी सम्मानित रचनाकारों को शॉल, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और सम्मान राशि भेंट कर उनकी लेखनी का मान बढ़ाया गया।








