आत्मा ही अपने सुख-दुःख की कर्ता है”; मुनि कमल कुमार ने दिया समभाव का संदेश

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quicjZaps 15 sept 2025

बीकानेर (गंगाशहर), 23 दिसम्बर। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, गंगाशहर के तत्वावधान में आयोजित आध्यात्मिक प्रवचन सभा में उग्र विहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी स्वामी ने श्रद्धालुओं को कर्म दर्शन और समभाव का बोध कराया। मुनि श्री ने शास्त्रों के गूढ़ रहस्यों को सरल भाषा में समझाते हुए कहा कि मनुष्य का भाग्य किसी बाहरी शक्ति के हाथ में नहीं, बल्कि स्वयं उसकी आत्मा के अधीन है।

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कर्म सिद्धांत: स्वयं के भाग्य विधाता हैं हम

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मुनि श्री ने अपने प्रवचन में जैन दर्शन के महत्वपूर्ण सूत्र
“अप्पा कता विकता य दुहाण य सुहाण य
अप्पा मितममितं च दुप्पट्ठिय सुप्पट्ठियो”
की व्याख्या करते हुए कहा कि आत्मा ही अपने सुख और दुःख की कर्ता है और वही इनका अंत (विकर्ता) करने वाली भी है।

सद्कर्मों की महत्ता: उन्होंने कहा कि हम जैसा बीज बोएंगे, वैसी ही फसल काटेंगे। यदि हम सद्कर्म करेंगे तो सुख पाएंगे और बुरे कर्मों का फल स्वयं को ही भुगतना होगा। इसलिए हमें किसी का अहित करने से बचना चाहिए।

समभाव का मंत्र: मुनि श्री ने “लाभा लाभे सुहे दुक्खे जीविए मरणे तहा, समो निंदा प्रसंसासु तहा माणाव माणओ। …” सूत्र के माध्यम से प्रेरणा दी कि जीवन में लाभ-हानि, सुख-दुःख, जीवन-मरण, मान-अपमान और निंदा-प्रशंसा जैसे द्वन्द्वों में मनुष्य को हमेशा समभाव (स्थिर) रहना चाहिए। उन्होंने समय की महत्ता बताते हुए कहा कि जो क्षण बीत गया वह पुनः लौटकर नहीं आएगा, अतः शेष समय का सदुपयोग धर्म और सेवा में करना चाहिए।

विपिन बोथरा का अभिनन्दन
कार्यक्रम के दौरान तेरापंथ युवक परिषद (तेयुप) के सक्रिय कार्यकर्ता विपिन बोथरा का विशेष सम्मान किया गया। विपिन बोथरा को ‘अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद’ (ABTYP) में जैन संस्कार विधि के लिए शेष राजस्थान का सहयोगी नियुक्त किया गया है। इस उपलब्धि पर तेरापंथी सभा गंगाशहर के अध्यक्ष नवरतन बोथरा, मंत्री जतनलाल संचेती, जैन लूणकरण छाजेड़, अमर चन्द सोनी , पवन छाजेड़, मांगीलाल बोथरा, देवेंद्र डागा और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उन्हें दुपट्टा पहनाकर और साहित्य भेंट कर सम्मानित किया।

शोक सभा और आध्यात्मिक संबल
प्रवचन सभा में धनराज बोथरा के देहावसान पर शोक व्यक्त किया गया। शोक संतप्त परिवार के सदस्यों ने मुनि श्री से दर्शन कर आध्यात्मिक संबल प्राप्त किया।
शांति प्रार्थना: मुनि श्री ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए सामूहिक रूप से एक ‘लोग्गस’ का ध्यान करवाया। श्रद्धांजलि सभा में मंत्री जतनलाल संचेती ने दिवंगत आत्मा की उत्तरोत्तर आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष प्राप्ति की कामना की। परिवार की ओर से लीला देवी बोथरा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए मुनि श्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।

 

भीखाराम चान्दमल 15 अक्टूबर 2025
mmtc 2 oct 2025

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