गोचर-ओरण बचाने को बीकानेर में ‘धर्मयुद्ध’ का शंखनाद


- संतों का सरकार को 28 दिन का अल्टीमेटम, 27 जनवरी को महाआंदोलन
बीकानेर, 29 दिसम्बर। बीकानेर की ऐतिहासिक गोचर और ओरण भूमियों के अस्तित्व को बचाने के लिए अब साधु-संतों और जन-संगठनों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। सोमवार को रानी बाजार स्थित गोदावरी पैलेस में आयोजित एक प्रभावशाली प्रेसवार्ता में राष्ट्रीय संत श्री सरजूदासजी महाराज ने कड़े शब्दों में सरकार और प्रशासन को चेतावनी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि 26 जनवरी 2026 तक गोचर भूमि को सुरक्षित करने की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 27 जनवरी को बीकानेर की सड़कों पर अब तक का सबसे बड़ा जन-आंदोलन होगा।


“सद्मार्ग दिखाना संतों का कर्तव्य” – श्री सरजूदास जी महाराज


महामंडलेश्वर श्री सरजूदास जी ने तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो सरकार गौमाता और भगवा के दम पर सत्ता में आई है, यदि वही पथभ्रमित हो जाए तो उसे सही रास्ता दिखाना संतों का धर्म है। उन्होंने प्रशासन पर ‘आंखें मूंदने’ का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले चार महीनों से चल रहे विरोध के बावजूद सरकार ने गोचर भूमियों को बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा, “यह धर्मनीति की लड़ाई है, इसमें राजनीति का कोई स्थान नहीं। जो गौभक्त होगा, वह 27 जनवरी को सड़क पर होगा।”
40 हजार बीघा भूमि पर कब्जे की तैयारी का आरोप
गोचर ओरण संरक्षण समिति के संयोजक शिवकुमार गहलोत ने तकनीकी तथ्यों को सामने रखते हुए बताया कि 1 सितंबर 2025 के सरकारी नोटिफिकेशन के जरिए गोचर भूमियों को बीकानेर विकास प्राधिकरण (BDA) के नाम दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। नए मास्टर प्लान (2023-2043) में शरह नथानिया, सुजानदेसर, भीनासर और उदयरामसर की करीब 40 हजार बीघा गोचर भूमि का उपयोग आवासीय और व्यावसायिक (कॉमर्शियल) प्रस्तावित किया गया है। गहलोत ने इसे गैर-कानूनी और धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला कदम बताया।
शहर की ‘ऑक्सीजन’ और खेजड़ी संरक्षण का मुद्दा
गौसेवक मनोज सेवग ने इस आंदोलन को पर्यावरण सुरक्षा से जोड़ते हुए कहा कि गोचर में 3 से 4 लाख खेजड़ी के वृक्ष हैं, जो पूरे शहर को ऑक्सीजन प्रदान करते हैं। उन्होंने बिश्नोई समाज द्वारा चलाए जा रहे खेजड़ी आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 27 जनवरी के प्रस्तावित धरने के लिए देश के कई बड़े संतों ने अपनी स्वीकृति दे दी है। महंत श्री क्षमाराम जी, श्रीधरानन्द जी और शिवशक्तिनाथ जी महाराज ने वीडियो संदेश जारी कर इस धर्मयुद्ध में शामिल होने का आह्वान किया है।
प्रेसवार्ता के दौरान महंत शंकरपुरी, योगी सूरजनाथ, ज्योतिषाचार्य पं. राजेन्द्र किराड़ू सहित सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ता और संत उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में संकल्प लिया कि गोचर की एक इंच जमीन भी व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं दी जाएगी।








