बीकानेर में ‘मर्दानगी’ पर चोट या महिला अस्मिता का अपमान? बदमाशों को महिलाओं के कपड़े पहनाकर घुमाने पर छिड़ा विवाद


बीकानेर, 31 दिसम्बर।बीकानेर पुलिस द्वारा अपराधियों के मन में खौफ पैदा करने के लिए अपनाए गए एक “अनोखे” तरीके ने शहर में बहस और विवाद खड़ा कर दिया है। बुधवार दोपहर कोटगेट थाना पुलिस ने लूट, मारपीट और आर्म्स एक्ट के पांच आदतन बदमाशों को महिलाओं के कपड़े (सलवार-सूट और चुन्नी) पहनाकर शहर के मुख्य मार्गों पर करीब 3 किलोमीटर तक पैदल घुमाया। पुलिस की इस ‘संदेशात्मक कार्रवाई’ पर जहाँ एक ओर आमजन ने ‘पुलिस प्रशासन जिंदाबाद’ के नारे लगाए, वहीं दूसरी ओर महिला संगठनों ने इसे जेंडर संवेदीकरण के खिलाफ और महिला विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताकर मोर्चा खोल दिया है।


पुलिस का तर्क: “अपराधियों में डर और जनता में विश्वास जरूरी” कोटगेट थानाधिकारी धीरेंद्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में पुलिस ने आजाद उर्फ कलवा, जावेद उर्फ मच्छी, समीर खान, कार्तिक मेहता और मजिद नाम के आदतन अपराधियों का जुलूस निकाला। पुलिस के अनुसार, ये पांचों बदमाश शहर की कानून व्यवस्था के लिए सिरदर्द बने हुए थे। सीओ सिटी अनुज डाल ने बताया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य यह संदेश देना था कि शहर में अपराध के लिए कोई जगह नहीं है। बदमाशों को सलवार-सूट पहनाकर घुमाने के पीछे पुलिस की मंशा उनकी तथाकथित ‘मर्दानगी’ और ‘धौंस’ को जनता के सामने शर्मिंदगी में बदलना था। जुलूस के दौरान बदमाश चुन्नी से अपना चेहरा छिपाते नजर आए।


जनवादी महिला समिति का तीखा प्रहार
“महिलाओं के पहनावे को अपमान का प्रतीक बनाना गलत” इस घटना पर अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राज्य महासचिव डॉ. सीमा जैन ने कड़ा ऐतराज जताया है। समिति ने इसे पुलिस की “सामंती और महिला-विरोधी” सोच का परिचायक बताया। डॉ. जैन ने कहा कि पुलिस का यह कृत्य यह संदेश देता है कि “महिला होना” या “महिलाओं के वस्त्र पहनना” अपमान या शर्म का प्रतीक है। उन्होंने सवाल उठाया कि अपराधियों को सजा देने के नाम पर महिलाओं के पहनावे को उपहास का पात्र क्यों बनाया जा रहा है? समिति ने राज्य सरकार और डीजीपी से मांग की है कि जेंडर की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाले पुलिस अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए और पुलिस विभाग के लिए ‘जेंडर संवेदीकरण’ कार्यशालाएं आयोजित की जाएं।
3 किलोमीटर लंबा जुलूस और जनता की प्रतिक्रिया
दोपहर करीब 2 बजे शुरू हुआ यह जुलूस कोटगेट थाना क्षेत्र से होते हुए विभिन्न बाजारों से गुजरा। भारी पुलिस जाब्ते के बीच जब ये बदमाश महिलाओं के कपड़ों में निकले, तो बाजारों में व्यापारियों और आमजन की भीड़ जमा हो गई। कई लोगों ने इसे पुलिस की एक प्रभावी कार्रवाई बताया और नारेबाजी की। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, इन बदमाशों पर 2022 से लेकर 2025 तक आर्म्स एक्ट, लूट और मारपीट के दर्जनों मामले दर्ज हैं और वे लंबे समय से फरार चल रहे थे।








