बीकानेर के तोलियासर गाँव में 10 हज़ार पक्षियों के लिए दीपोत्सव का आयोजन, 5500 दीयों से जगमगाई ‘खेतेश्वर वाटिका’



वाटिका में बने 17 टावरनुमा आवास और स्विमिंग पूल; ग्रामीणों ने एकजुट होकर बनाई ‘RSS 100’ की आकर्षक प्रतिकृति




बीकानेर। (विशेष संवाददाता, 20 अक्टूबर) बीकानेर से लगभग सौ किलोमीटर दूर स्थित तोलियासर गाँव में इस बार एक अनूठी और पर्यावरण-प्रेमी दीपावली मनाई गई। जहाँ लोग अपने घरों को सजा रहे थे, वहीं इस गाँव में दस हजार से अधिक पक्षियों के लिए भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया। रविवार की रात, गाँव में बनी ‘खेतेश्वर वाटिका’ को ग्रामीणों ने एकजुट होकर 5500 दीपक से रोशन कर दिया। इस वाटिका में 17 टावरनुमा आवास बने हैं, जहाँ दस हजार से ज्यादा पक्षियों का डेरा है, जिनमें करीब 5000 गौरैया भी शामिल हैं। पक्षियों के लिए यहाँ एक विशेष स्विमिंग पूल भी बनाया गया है।



दीपों की अनूठी आकृतियाँ
खेतेश्वर वाटिका से जुड़े गणेश राजपुरोहित ने बताया कि चूंकि ये पक्षी भी गाँव के सदस्य हैं, इसलिए इनके लिए दीपावली का महत्त्व है। छोटी दीवाली की रात में, टॉवर से बाहर अलग-अलग आकृतियों में दीपक सजाए गए। कहीं दीप की आकृति में रोशनी की गई तो कहीं तितली की आकृति में सजावट की गई, जिससे पूरा क्षेत्र जगमगा उठा।
‘RSS 100’ की प्रतिकृति और पंचवटी वाटिका
आरएसएस का सम्मान: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, क्षेत्र के स्वयंसेवकों ने दीपकों से ‘आरएसएस 100’ की एक आकर्षक प्रतिकृति भी बनाई।
पंचवटी वाटिका: परिसर में हाल ही में विकसित की गई ‘पंचवटी वाटिका’ में भी दीपोत्सव मनाया गया। गाँव के युवा, बुजुर्ग और महिलाओं ने एक साथ मिलकर आधे घंटे में पाँच हजार पाँच सौ दीपक जलाकर लगाए। वाटिका के गणेश मंदिर में इस अवसर पर कीर्तन का भी आयोजन हुआ। गाँव के राजूराम राजपुरोहित ने बताया कि खेतेश्वर वाटिका अब पर्यावरण प्रेमियों के लिए एक आकर्षक स्थल बन गई है। वर्ष 2021-22 से यहां पर्यावरण संरक्षण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और इसी वर्ष वाटिका में एक हजार नए पौधे लगाए गए हैं। इस अनूठी पहल को सफल बनाने में सरपंच प्रतिनिधि गिरधारीसिंह राजपुरोहित, राज सर, इंद्रजीत, स्वयंसेवक लक्ष्मीनारायण, किशोर, पर्यावरण प्रेमी गणेशसिंह, राजूराम राजपुरोहित, मालसिंह, नवरत्नसिंह, प्रकाश, डूंगरसिंह और रामचंद्र सहित पूरे गाँव का सहयोग रहा।

