गंगाशहर में भारतीय एवं राजस्थानी संगीत की सुमधुर संध्या, मुंबई के कलाकारों ने लूटी वाहवाही


बीकानेर, 14 दिसंबर। विरासत संवर्द्धन संस्थान द्वारा भारतीय संगीत की सुमधुर सांस्कृतिक संध्या का भव्य आयोजन रविवार शाम गंगाशहर स्थित टी.एम. ऑडिटोरियम में किया गया। इस दौरान मुंबई से आए कलाकारों, विशेषकर रमजान और रुखसाना, ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रस्तुतियों में दिखा शास्त्रीय और लोक संगीत का मेल
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के अध्यक्ष टोडरमल लालाणी, जैन महासभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष कन्हैयालाल बोथरा, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। ख्यातनाम संगीत गुरु पं. पुखराज शर्मा ने भावपूर्ण शैली में सरस्वती वन्दना की।



गायकों का प्रदर्शन
सुमधुर गायिका सीमा सिंह शेखावत ने “आवाज दे कहां है” और “बुझ मेरा क्या नाम रे” जैसे गीतों से श्रोताओं की तालियाँ बटोरीं।
हेमन्त डागा ने “मुझे दर्दे दिल का पता न था” और “अब चैन से रहने दो” गीतों को प्रस्तुत किया।
पं. पुखराज शर्मा ने “लो म्हां स्यूं दियो नहीं जाय” और “दल बादल बिच चमकै जी तारा” जैसे मांड शैली के श्रृंगार रस के लोकगीतों से राजस्थान की गौरवशाली विरासत कलाओं की अनुभूति कराई।



मुंबई के कलाकारों ने जीता दिल
सुर संगम और अन्य प्रतियोगिताओं में विजेता रहीं रुखसाना ने “दिल चीज क्या है…”, “जला सेन म्हे तो थारां डेरा”, “जीब दास्तां हैं”, और “उमराव थांरी बोली प्यारी लागे” जैसे गीतों को प्रस्तुत कर संगीत रसिकों को भाव विभोर कर दिया।
वहीं, मुंबई से समागत रमजान ने “वो जब याद आए बहुत याद आए”, “ज्योति कलश छलके”, और “अहसान तेरा होगा मुझ पर” जैसे सदाबहार गानों की शानदार प्रस्तुतियाँ दीं। उन्होंने “धरती धोरां री” जैसा राजस्थानी गीत भी प्रस्तुत किया, जिस पर पूरा ऑडिटोरियम तालियों और वाहवाही से गूँज उठा।

विरासत संवर्द्धन का आह्वान
विरासत संस्थान के अध्यक्ष टोडरमल लालाणी ने अपने आशीर्वचन में ग़ज़ल के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे परंपरागत भारतीय और राजस्थानी संगीत तथा ग़ज़लों की विरासत का मूल रूप लुप्त हो रहा है। उन्होंने इस सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और संवर्द्धित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
संगीत संगत: संगीत गुरू पंडित पुखराज शर्मा के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम में हारमोनियम पर पंडित पुखराज शर्मा, तबले पर गुलाम हुसैन, ढ़ोलक पर लियाकत अली, की-बोर्ड पर कमल बिहानी व ऑक्टोपैड पर मोहसीन खान ने संगत की। मंच संचालन हेमंत डागा ने किया।
टोडरमल लालाणी का जन्मोत्सव
कार्यक्रम के शुभारम्भ में दूगड़ ने टी.एम. आडिटोरियम एवं विरासत संस्थान के संस्थापक श्री टोडरमल लालानी को उनके 91वें जन्मोत्सव की बधाई दी। दूगड़ ने कहा कि इस उम्र में भी वे जिस उत्साह और भावना से भारतीय व राजस्थानी संस्कृति के संरक्षण का काम कर रहे हैं, वह प्रशंसनीय है। सभी उपस्थित संगीत रसिकों ने उनके स्वस्थ, सुखी व सुदीर्घ जीवन की मंगल कामना की। इस अवसर पर जैन महासभा के नव निर्वाचित अध्यक्ष कन्हैयालाल बोथरा के सफल व सार्थक कार्यकाल की भी मंगल कामना की गई। कार्यक्रम में अनेक गणमान्य व्यक्तियों और संगीत रसिकों ने शिरकत कर सुमधुर संगीत का लुत्फ उठाया।








