सच्चा शिक्षक वही जो बच्चों में जिज्ञासा जगाए- स्वामी विमर्शानंद



बीकानेर, 22 अगस्त। विद्या भारती के तत्वावधान में आदर्श शिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित चार दिवसीय सामूहिक आचार्य सम्मेलन शुक्रवार को शुरू हुआ। यह सम्मेलन गंगाशहर स्थित आदर्श विद्या मन्दिर उच्च माध्यमिक विद्यालय में चल रहा है, जिसमें 300 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं हिस्सा ले रहे हैं।
सम्मेलन के मुख्य बिंदु
सच्चे शिक्षक का उद्देश्य: लालेश्वर महादेव मंदिर के अधिष्ठाता स्वामी विमर्शानंद ने कहा कि सच्चा शिक्षक वह है जो बालक के मन में जिज्ञासा उत्पन्न करे और उसके हृदय को छूकर शिक्षा दे। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षक का काम केवल पढ़ाना नहीं, बल्कि उसे विश्व कल्याण की भावना से जोड़ना भी है।




राष्ट्रीय शिक्षा नीति: जिला शिक्षा अधिकारी किशनदान चारण ने विद्या भारती के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान देना और उसे जीवन से जोड़ना है, और विद्या भारती इसी दिशा में काम कर रही है।


भारतीय शिक्षा का स्वरूप: मुख्य वक्ता गंगा विष्णु बिश्नोई, प्रांत निरीक्षक, ने भारतीय शिक्षा पद्धति को अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए हमें नालंदा और तक्षशिला की तरह शिक्षा को पाठ्यक्रम और परीक्षा की बेड़ियों से बाहर निकालना होगा। उन्होंने बताया कि भारतीय शिक्षा बाल-केंद्रित और क्रिया-आधारित है, और विद्या भारती इसी परंपरा को फिर से स्थापित करने का प्रयास कर रही है।
सम्मेलन के विषय: सम्मेलन में भारत माता पूजन, सुलेख, स्पोकन इंग्लिश, नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अध्यापक की भूमिका और विद्या भारती अभिनव पंचपदी जैसे विषयों पर चर्चा और प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य शिक्षकों को नई शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार करना और उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना है।